म्रू जनजाति

म्रू जनजाति

म्रू जनजाति ज्यादातर भारत के पश्चिम बंगाल राज्य के जलपाईगुड़ी जिले के विभिन्न क्षेत्रों में रहती है। इस जनजाति की मूल भाषा को म्रू भी कहा जाता है।

म्रू जनजाति का व्यवसाय
मुरू जनजाति का व्यवसाय मुख्य रूप से कृषि है। वे झूमखेती भी करते हैं। खेती के अलावा ये घरों का निर्माण, शिकार के लिए जाना, टोकरी की बुनाई आदि करते हैं। कुछ म्रू जनजाति लोगों ने अन्य व्यवसायों को भी अपनाया है। ये म्रू लोग कपड़े, कंबल, वाद्ययंत्र और विभिन्न घरेलू और सांस्कृतिक वस्तुओं को बनाने का भी कार्य करते हैं।

इस आदिवासी समुदाय की महिला लोग खाना पकाने, जलाऊ लकड़ी इकट्ठा करने, घर की देखभाल और बच्चों की अतिरिक्त जिम्मेदारियों के अलावा कुछ अन्य व्यवसायों में लगी रहती हैं। इस समुदाय के अधिकांश महिला समूह कमर-करघा बुनाई, कढ़ाई, बीड़ी बनाने, सूती धागा बनाने आदि का कार्य करते हैं। ।

म्रू जनजाति के त्यौहार
त्योहार इस म्रू आदिवासी समाज का एक अभिन्न अंग हैं। गाने और नृत्य आमतौर पर विभिन्न पारंपरिक वाद्ययंत्रों के साथ होते हैं। युवतियां बांस से बनी बांसुरी बजाती हैं। इन्हें ‘प्रुई’ कहा जाता है।

Originally written on August 11, 2019 and last modified on August 11, 2019.

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