म्यांमार की नौसेना में शामिल की गयी सिन्धुवीर पनडुब्बी

म्यांमार की नौसेना में शामिल की गयी  सिन्धुवीर पनडुब्बी

हाल ही में म्यांमार की नौसेना  में सिन्धुवीर पनडुब्बी को शामिल कर लिया गया है। गौरतलब है कि आईएनएस सिन्धुवीर को अक्टूबर 2020 में भारतीय नौसेना ने म्यांमार को नौसेना को सौंपा था। यह म्यांमार की नौसेना की पहली पनडुब्बी है। म्यांमार की नौसेना के उपयोग के लिए इस पनडुब्बी की मरम्मत हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा की गयी है।

सिन्धुवीर पनडुब्बी

इस पनडुब्बी को भारतीय नौसेना में आईएनएस सिन्धुवीर के नाम से जाना जाता था, यह 1988 से भारतीय नौसेना में कार्यरत्त थी। अब म्यांमार की नौसेना में इसे UMS मिन्ये थिएनखातु के नाम से जाना जायेगा। यह म्यांमार की पहली पनडुब्बी है। सिन्धुवीर पनडुब्बी एक डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बी है। यह किलो श्रेणी की पनडुब्बी है।

भारत-म्यांमार सम्बन्ध

पिछले कुछ समय में भारत और म्यांमार के बीच सहयोग में काफी वृद्धि हुई है, यह सहयोग सैन्य तथा आर्थिक क्षेत्र में बढ़ा है। भारत और म्यांमार एक त्रिपक्षीय राजमार्ग और कलादान मल्टी-मोडल ट्रांजिट ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट का निर्माण कर रहे हैं। यह मल्टीमॉडल प्रोजेक्ट कोलकाता को सिटवे बंदरगाह से जोड़ेगा। और यह परियोजना, म्यांमार की कलादान नदी को भारत के उत्तर पूर्व से जोड़ेगी।

भारत म्यांमार में शरण ले रहे उत्तर पूर्वी क्षेत्र के उग्रवादी समूहों से चिंतित है। वे नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड और यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट हैं। मई 2020 में, म्यांमार ने भारतीय विद्रोही समूहों के 22 कैडरों को सौंप दिया था।

भारत और म्यांमार ने हाल ही में ऊर्जा, संचार, स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचे जैसे विभिन्न क्षेत्रों में दस समझौतों पर हस्ताक्षर किए। दोनों  देशों के बीच मौजूदा द्विपक्षीय व्यापार 1.7 बिलियन अमरीकी डॉलर है। भारत म्यांमार का पांचवा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है।

भारत के लिए म्यांमार क्यों महत्वपूर्ण है?

म्यांमार भारत की सीमा पर एकमात्र आसियान देश है। भारत के अनुसार, म्यांमार दक्षिण पूर्व एशिया का प्रवेश द्वार है। भारत ने अपनी एक्ट ईस्ट पॉलिसी और नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी के तहत म्यांमार के साथ सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया है।

Originally written on December 30, 2020 and last modified on December 30, 2020.

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