मौर्यकालीन धर्म

धार्मिक दृष्टि से मौर्य काल में काफी महत्वपूर्ण परिवर्तन हुए। इस दौरान बौद्ध धर्म का काफी विस्तार हुआ और उसे कई शासकों का संरक्षण भी प्राप्त हुआ। मौर्यकाल में वैदिक धर्म भी प्रचलित था। इस दौरान वैदिक धर्म में कर्मकांड काफी बढ़ गए थे। मौर्यकाल में यज्ञ इत्यादि कर्मकांड काफी प्रचलित थे।
मौर्य साम्राज्य के संस्थापक चन्द्रगुप्त मौर्य ने अपने जीवन के अंतिम दिनों में जैन धर्म को स्वीकार किया था। जबकि सम्राट अशोक ने कलिंग युद्ध के बाद बौद्ध धर्म को स्वीकार किया था। उसके बाद अशोक ने दक्षिण एशिया व अन्य क्षेत्रों में बौद्ध धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए काफी प्रयत्न किये। आरम्भ में अशोक वैदिक धर्म का अनुयायी थी, कई अभिलेखों में उसे देवानाम्प्रिय कह कर संबोधित किया गया है। बौद्ध धर्म का अनुयायी होने पर भी अशोक सभी धर्मों के प्रति सहिष्णु था।
Originally written on
May 6, 2019
and last modified on
May 6, 2019.