मेघालय में शुरू हुआ पहला ‘नॉर्थईस्ट इंडिया ऑर्गेनिक वीक’: वैश्विक जैविक बाजार की ओर कदम

मेघालय में शुरू हुआ पहला ‘नॉर्थईस्ट इंडिया ऑर्गेनिक वीक’: वैश्विक जैविक बाजार की ओर कदम

मेघालय ने अपने पहले ‘नॉर्थईस्ट इंडिया ऑर्गेनिक वीक’ का शुभारंभ किया है। चार दिनों तक चलने वाला यह आयोजन राज्य और पूरे उत्तर-पूर्वी क्षेत्र को वैश्विक जैविक (ऑर्गेनिक) बाजार में एक मजबूत प्रतिस्पर्धी के रूप में स्थापित करने का लक्ष्य रखता है। इस कार्यक्रम में अंतरराष्ट्रीय खरीदारों, जैविक कृषि विशेषज्ञों और युवा नेताओं को एक मंच पर लाया गया है ताकि जैविक उत्पादों की वैश्विक पहुँच को तेज़ किया जा सके और क्षेत्र की जैव विविधता आधारित कृषि को बढ़ावा दिया जा सके।

क्षेत्रीय सहयोग से ऑर्गेनिक प्रमोशन

यह आयोजन मेघालय कृषि विभाग द्वारा एपीडा (APEDA), वाणिज्य मंत्रालय और आईएफओएएम-ऑर्गेनिक्स एशिया (IFOAM-Organics Asia) के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है। अधिकारियों के अनुसार, इस पहल से उच्च-मूल्य वाले जैविक उत्पादों के प्रदर्शन के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय बाजारों से दीर्घकालिक व्यापारिक संबंध मजबूत होंगे। यह कार्यक्रम उत्तर-पूर्व भारत के जैविक उत्पादों को वैश्विक स्तर पर नई पहचान दिलाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।

अंतरराष्ट्रीय सहभागिता और व्यापारिक बैठकें

इस आयोजन में 13 देशों के प्रतिनिधिमंडल, आयातक और उद्योग विशेषज्ञ भाग ले रहे हैं, जिनमें मलेशिया, ताइवान, मंगोलिया, न्यूज़ीलैंड और इंडोनेशिया शामिल हैं। प्रमुख आकर्षण एपीडा द्वारा आयोजित बायर-सेलर मीट है, जो उत्पादकों और वैश्विक खरीदारों के बीच प्रत्यक्ष संवाद का अवसर प्रदान करता है। इसका उद्देश्य टिकाऊ और प्रमाणित जैविक उत्पादों की मांग को पूरा करने के लिए मजबूत व्यावसायिक नेटवर्क तैयार करना है।

मेघालय की जैविक क्षमता का प्रदर्शन

राज्य के अधिकारियों ने अदरक, हल्दी, फलों और विशेष मसालों जैसे उत्पादों की वैश्विक मांग में तेज़ी को रेखांकित किया। एपीडा के प्रतिनिधियों ने कहा कि सामुदायिक आधारित खेती और समृद्ध जैव विविधता मेघालय को जैविक कृषि विस्तार का आदर्श केंद्र बनाती है। यह राज्य न केवल भारत में बल्कि दक्षिण-पूर्व एशिया और यूरोप के बाजारों में भी अपनी मजबूत स्थिति बना सकता है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • इस कार्यक्रम में 13 देशों की भागीदारी है।
  • आयोजन के दौरान 4वां आईएफओएएम वर्ल्ड ऑर्गेनिक यूथ समिट भी हो रहा है।
  • मेघालय भारत के सबसे तेज़ी से विकसित हो रहे राज्यों में से एक है।
  • एपीडा (APEDA) क्षेत्र के जैविक उत्पादों के निर्यात विस्तार में सहयोग दे रहा है।

आर्थिक प्रगति और युवाओं की भागीदारी

राज्य सरकार ने बताया कि महामारी के बाद मेघालय की अर्थव्यवस्था में हुई वृद्धि का प्रमुख कारण कृषि क्षेत्र रहा है। इसके साथ आयोजित युवा सम्मेलन का उद्देश्य युवाओं को सतत खेती, जैविक उद्यमिता और वैश्विक मूल्य श्रृंखला में भागीदारी के लिए प्रेरित करना है।

Originally written on December 2, 2025 and last modified on December 2, 2025.

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