मेघालय का हरित भविष्य: MegREAP के माध्यम से $10 बिलियन ग्रीन इकोनॉमी का लक्ष्य
प्राकृतिक संसाधनों और समुदाय आधारित शासन व्यवस्था की मजबूत नींव पर टिके मेघालय ने एक महत्वाकांक्षी पहल — MegREAP (Regenerative Economies through Accelerated & Inclusive Enterprises in Meghalaya) — की शुरुआत की है। अगस्त 2025 में मेघालय बेसिन विकास प्राधिकरण (MBDA) के अंतर्गत अधिसूचित यह पहल राज्य को 2028 तक $10 बिलियन की हरित अर्थव्यवस्था में परिवर्तित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
जलवायु, आजीविका और बाजार का समेकित दृष्टिकोण
MegREAP एक ऐसा सहयोगात्मक मंच है जो विभिन्न विभागों, मिशनों और साझेदारों को जलवायु, आजीविका, वित्त और बाजारों के संगम पर एकत्र करता है। इसका उद्देश्य एक पुनर्योजी विकास मॉडल को बढ़ावा देना है, जो प्राकृतिक और सांस्कृतिक पूंजी को महत्व देता है और स्थानीय आजीविका को बेहतर बनाता है। MBDA के CEO संपत कुमार के अनुसार, यह पहल “नागरिकों में सोच का परिवर्तन लाने” का प्रयास है, जिससे समुदाय जलवायु-लचीली और आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्थाएं बना सकें।
मेघालय की हरित विरासत पर आधारित मॉडल
MegREAP मेघालय की पूर्ववर्ती पर्यावरणीय पहलों पर आधारित है। राज्य ने भारत का पहला Payment for Ecosystem Services (PES) कार्यक्रम लागू किया है और एक लाख हेक्टेयर से अधिक वन क्षेत्र के लिए वन प्रबंधन योजनाएं तैयार की हैं। साथ ही मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में एक जलवायु परिवर्तन परिषद भी स्थापित की गई है, जो राज्य के विकास और पर्यावरणीय कार्यक्रमों की निगरानी करती है। MegREAP इन पहलों को वैश्विक जलवायु और जैव विविधता लक्ष्यों के अनुरूप आगे बढ़ाता है।
समुदाय आधारित संसाधन प्रबंधन और प्राकृतिक पूंजी का दोहन
मेघालय का लगभग 78% क्षेत्र वनों से आच्छादित है, जो भारत में सबसे अधिक में से एक है। MegREAP इस प्राकृतिक समृद्धि को सतत आर्थिक मूल्य में बदलने का प्रयास कर रहा है, जिसमें समुदायों की भागीदारी को मजबूत किया जा रहा है। MBDA के महाप्रबंधक वान्कित स्वर के अनुसार, यह पहल इको-टूरिज्म, स्वच्छ ऊर्जा, वन आधारित उद्यम और सतत कृषि जैसे क्षेत्रों को प्रोत्साहित कर समावेशी विकास को आगे बढ़ाएगी।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- MegREAP का पूर्ण रूप है: Regenerative Economies through Accelerated & Inclusive Enterprises in Meghalaya
- यह पहल अगस्त 2025 में MBDA के अंतर्गत शुरू की गई।
- लक्ष्य: 2028 तक $10 बिलियन की ग्रीन इकोनॉमी बनाना।
- मेघालय का 78% क्षेत्र वनाच्छादित है — भारत में सर्वोच्च में से एक।
बांस गांव: सतत उद्यमिता का मॉडल
MegREAP के तहत, MBDA ने Vrutti, Living Landscapes और Bamboo Village Trust से मिलकर गठित Common Ground संस्था के साथ साझेदारी की है ताकि राज्य भर में बांस गांव विकसित किए जा सकें। यह पहल बांस को एक सतत आर्थिक स्तंभ में बदलने की दिशा में कार्य कर रही है, जिससे आजीविका सशक्त हो और पारिस्थितिक संतुलन भी बना रहे।