मेक्सिको सिटी में मना ‘डिया दे लॉस मुयर्तोस’ का भव्य उत्सव
मेक्सिको की राजधानी मेक्सिको सिटी इस सप्ताहांत जीवंत रंगों, संगीत और परंपराओं में सराबोर हो गई जब करीब 15 लाख लोग देश के सबसे प्रतिष्ठित सांस्कृतिक पर्व ‘डिया दे लॉस मुयर्तोस’ (Day of the Dead) को मनाने एकत्र हुए। यह उत्सव न केवल मृत प्रियजनों की याद में होता है, बल्कि जीवन के चक्र की निरंतरता का उत्सव भी है।
जीवन और स्मृति का उत्सव
‘डिया दे लॉस मुयर्तोस’ पूरे मेक्सिको में 31 अक्टूबर से 2 नवंबर तक मनाया जाता है। यह प्राचीन एज़्टेक परंपराओं और कैथोलिक विश्वासों का अद्भुत मिश्रण है। इस पर्व की शुरुआत मृत बच्चों की आत्माओं के स्वागत से होती है, जिसके तहत 1 नवंबर को मिठाइयाँ और खिलौने चढ़ाए जाते हैं। 2 नवंबर को वयस्क दिवंगत आत्माओं को श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है, जिसमें उनके पसंदीदा भोजन, फूल और पारिवारिक समारोहों का आयोजन होता है। यह उत्सव इस विचार को दर्शाता है कि मृत्यु जीवन का अंत नहीं, बल्कि उसकी निरंतरता है।
परंपरा की उत्पत्ति और आधुनिक पुनर्जीवन
हालाँकि मेक्सिको सिटी में ‘डिया दे लॉस मुयर्तोस’ परेड की शुरुआत केवल 2016 में हुई थी, यह आज एक प्रमुख सांस्कृतिक और पर्यटक आकर्षण बन चुका है। इस परेड की प्रेरणा 2015 की जेम्स बॉन्ड फिल्म ‘स्पेक्टर’ के एक काल्पनिक दृश्य से मिली थी, जिसमें एक भव्य जुलूस दिखाया गया था। फिल्म की वैश्विक सफलता के बाद, शहर प्रशासन ने इसे वास्तविकता में बदल दिया और आज यह आयोजन दुनिया भर से पर्यटकों को आकर्षित करता है।
विशाल जनसमूह और सांस्कृतिक महत्व
2025 की परेड में अनुमानतः 1.5 मिलियन लोगों ने भाग लिया। सड़कों पर रंग-बिरंगे परिधानों, खोपड़ी जैसे ‘कालेवेरा’ मास्क, और चेहरे पर विशेष पेंट के साथ लोग शामिल हुए। इस उत्सव में मेक्सिको की विविध क्षेत्रीय सांस्कृतिक विरासत देखने को मिली, जहाँ आदिवासी परंपराएँ, आधुनिक कला और पारिवारिक श्रद्धांजलियाँ एक साथ मिलकर एक राष्ट्रीय स्मृति उत्सव में परिवर्तित हो गईं।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- ‘डिया दे लॉस मुयर्तोस’ 31 अक्टूबर से 2 नवंबर तक मनाया जाता है।
- मेक्सिको सिटी में इस परेड की शुरुआत 2016 में हुई थी।
- इस परेड की प्रेरणा 2015 की जेम्स बॉन्ड फिल्म ‘स्पेक्टर’ से मिली थी।
- 2025 की परेड में लगभग 1.5 मिलियन लोगों की उपस्थिति दर्ज की गई।
परंपरा और वैश्विक आकर्षण का संगम
‘डिया दे लॉस मुयर्तोस’ को यूनेस्को ने ‘Intangible Cultural Heritage of Humanity’ के रूप में मान्यता दी है। आज यह पर्व न केवल मेक्सिको की सांस्कृतिक आत्मा का प्रतीक है, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक कला और भावना से भरा हुआ आयोजन बन चुका है। देशभर में घरों और कब्रिस्तानों को गेंदे के फूलों, मोमबत्तियों और ‘ओफ्रेंदास’ (विभिन्न यादगार वस्तुओं से सजे वेदी) से सजाया जाता है, जो मृतकों की प्रिय चीजों और स्मृतियों को संजोने का एक सजीव माध्यम बनते हैं।