मुक्त व्यापार समझौते और बीजों पर बौद्धिक संपदा नियंत्रण: किसानों के अधिकारों पर मंडराता वैश्विक संकट

एक नई रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि अमीर देश अब मुक्त व्यापार समझौतों (FTA) का उपयोग सख्त बौद्धिक संपदा (IP) नियम थोपने के लिए कर रहे हैं, जिससे बीजों और जैव विविधता पर वैश्विक कृषि निगमों का नियंत्रण बढ़ रहा है और किसानों के पारंपरिक अधिकार खतरे में पड़ रहे हैं। यह रिपोर्ट “GRAIN” नामक वैश्विक गैर-लाभकारी संस्था द्वारा जारी की गई है, जो खाद्य संप्रभुता और कृषक अधिकारों पर काम करती है।
UPOV संधि और इसका प्रभाव
GRAIN की रिपोर्ट के अनुसार, कई FTA समझौते विशेष रूप से वैश्विक दक्षिण (अर्थात विकासशील देश) के देशों को 1991 की UPOV संधि (यूनियन फॉर द प्रोटेक्शन ऑफ न्यू वैरायटीज़ ऑफ प्लांट्स) के मानकों को अपनाने के लिए बाध्य कर रहे हैं। यह जिनेवा-आधारित संधि का नवीनतम और सबसे सख्त संस्करण है, जिसे मूल रूप से यूरोप में औद्योगिक कृषि के विस्तार और बीज कंपनियों को नई फसल किस्मों पर 20 से 25 वर्षों तक एकाधिकार अधिकार देने के लिए डिज़ाइन किया गया था।
इस ढांचे के अंतर्गत, किसानों को इन बीजों को संरक्षित रखने, दोबारा उपयोग करने या साझा करने की अनुमति नहीं होती, जिससे उनके पारंपरिक ज्ञान और आजीविका पर गंभीर प्रभाव पड़ता है।
मुक्त व्यापार के माध्यम से दबाव
रिपोर्ट में बताया गया है कि अमेरिका, यूरोपीय संघ, ऑस्ट्रेलिया और जापान जैसे देश लंबे समय से FTA समझौतों में UPOV-समरूप नियमों को शामिल करते आ रहे हैं। अब संयुक्त अरब अमीरात (UAE) भी इस दिशा में एक नया, आक्रामक खिलाड़ी बनकर उभरा है। UAE ने कम्बोडिया, मलेशिया और मॉरीशस के साथ हुए व्यापार समझौतों में इन शर्तों को शामिल किया है, हालांकि भारत ने इस प्रकार के दबाव को अस्वीकार कर दिया।
GRAIN ने इस बात पर भी चिंता जताई कि UAE अब ब्राज़ील से लेकर पाकिस्तान तक कृषि और खाद्य उत्पादन में बड़े स्तर पर निवेश कर रहा है। ऐसे में उसके द्वारा UPOV मानकों को आगे बढ़ाना खाद्य संप्रभुता के लिए एक नया वैश्विक खतरा बनता जा रहा है।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- UPOV (1991) संधि किसानों को उनके बीज संरक्षित करने, पुनः उपयोग करने या व्यापार करने से रोकती है।
- बुडापेस्ट संधि, जिसे कई FTA के माध्यम से लागू किया गया है, सूक्ष्म जीवों के पेटेंट को सरल बनाती है।
- WTO जैसे वैश्विक मंच पर इन कानूनों पर विस्तृत चर्चा होती है, लेकिन FTA के माध्यम से इन्हें बिना सार्वजनिक बहस के लागू किया जा रहा है।
- “GRAIN” द्वारा जारी एक इंटरेक्टिव नक्शा दर्शाता है कि बीते दो दशकों में किस प्रकार UPOV से जुड़े प्रावधानों को दुनिया भर में FTA के जरिए लागू किया गया है।