‘मिशन दृष्टि’: भारत का पहला मल्टी-सेंसर उपग्रह वैश्विक निगरानी में लाएगा क्रांतिकारी बदलाव

भारतीय स्पेस-टेक स्टार्टअप GalaxEye ने 13 अक्टूबर, 2025 को ऐलान किया कि वह अगले साल की पहली तिमाही में दुनिया का पहला मल्टी-सेंसर अर्थ ऑब्ज़र्वेशन उपग्रह ‘मिशन दृष्टि’ लॉन्च करेगा। यह भारत की निजी अंतरिक्ष क्षेत्र में एक ऐतिहासिक छलांग है और आने वाले चार वर्षों में ऐसे 8 से 10 उपग्रहों की श्रृंखला का प्रारंभ भी।
मिशन दृष्टि की तकनीकी विशेषताएं
160 किलोग्राम वजनी यह उपग्रह भारत का अब तक का सबसे बड़ा और उच्चतम रेजोल्यूशन वाला निजी उपग्रह है। यह 1.5 मीटर रेजोल्यूशन पर पृथ्वी की तस्वीरें प्रदान करेगा। खास बात यह है कि इसमें दो प्रमुख तकनीकें — सिंथेटिक एपरचर रडार (SAR) और हाई-रेजोल्यूशन ऑप्टिकल सेंसर — एक ही प्लेटफॉर्म पर संयोजित की गई हैं, जो अब तक किसी भी सैटेलाइट में पहली बार किया गया है।
इस संयोजन से उपग्रह किसी भी मौसम और किसी भी समय (24×7) पृथ्वी का सटीक निरीक्षण कर सकेगा, जो विशेष रूप से सीमाई निगरानी, आपदा प्रबंधन और रक्षा मामलों में अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगा।
उपग्रह के अनुप्रयोग क्षेत्र
- सीमा निगरानी और रक्षा खुफिया
- प्राकृतिक आपदा और आपात स्थिति प्रबंधन
- बिजली, जल और अन्य बुनियादी ढांचे की निगरानी
- सटीक कृषि विश्लेषण और फसल पूर्वानुमान
- वित्तीय जोखिम और बीमा मूल्यांकन
इस उपग्रह से प्राप्त उच्च गुणवत्ता वाले डेटा से सरकारें और उद्योग क्षेत्र रीयल-टाइम निर्णय ले सकेंगे और परिचालन दक्षता में उल्लेखनीय सुधार होगा।
भारत को वैश्विक अंतरिक्ष मानचित्र पर नई पहचान
GalaxEye के सह-संस्थापक और CEO सयश सिंह ने बताया कि यह मिशन भारत को वैश्विक अंतरिक्ष मानचित्र पर अग्रणी स्थान दिलाने वाला कदम है। उन्होंने कहा, “हम अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी को एक ऐसी इंटेलिजेंस प्रणाली में बदल रहे हैं, जिस पर सरकारें, उद्योग और समाज भरोसा कर सकते हैं।”
सैटेलाइट को उच्च तापमान और अंतरिक्ष की कठोर परिस्थितियों में भी परीक्षण किया गया है, जिससे इसकी विश्वसनीयता प्रमाणित होती है।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- GalaxEye की स्थापना IIT मद्रास के छात्रों द्वारा की गई थी और यह भारत के सबसे नवाचारी स्पेस स्टार्टअप्स में शामिल है।
- SAR तकनीक रडार आधारित होती है जो बादलों के पार भी इमेजिंग कर सकती है।
- भारत का यह पहला उपग्रह है जिसमें एक साथ स्पेक्ट्रल, स्पैटियल और टेम्पोरल रिज़ॉल्यूशन को अनुकूलित किया गया है।
- GalaxEye की योजना अगले चार वर्षों में 8-10 उपग्रह लॉन्च कर एक पूर्ण EO सैटेलाइट नेटवर्क तैयार करने की है।