मिल्की वे में खोजा गया दुर्लभ चौगुना तारकीय तंत्र: ब्राउन ड्वार्फ्स को समझने में मिलेगी नई दिशा

वैज्ञानिकों की एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने मिल्की वे आकाशगंगा में एक अत्यंत दुर्लभ चौगुना तारकीय तंत्र (quadruple star system) की खोज की है, जो अब तक देखे गए किसी भी तंत्र से पूरी तरह भिन्न है। यह खोज ‘UPM J1040−3551 AabBab’ नामक प्रणाली से संबंधित है, जिसमें दो ठंडे ब्राउन ड्वार्फ्स एक युवा रेड ड्वार्फ्स की जोड़ी की परिक्रमा कर रहे हैं। यह अध्ययन ‘Monthly Notices of the Royal Astronomical Society’ के सितंबर अंक में प्रकाशित हुआ है।

क्या हैं ब्राउन ड्वार्फ्स और क्यों हैं ये महत्वपूर्ण?

ब्राउन ड्वार्फ्स (Brown Dwarfs) खगोलीय दुनिया के ‘अधूरे तारे’ कहे जाते हैं। ये विशाल गैसीय बादलों के संकुचन से बनते हैं, जैसे तारे बनते हैं, लेकिन इनमें इतना द्रव्यमान नहीं होता कि ये हाइड्रोजन संलयन (hydrogen fusion) की प्रक्रिया पूरी कर सकें। यही वजह है कि ये न तो पूर्ण रूप से तारे होते हैं और न ही ग्रह।
इनकी सतह पर जलवाष्प और अन्य गैसीय अणुओं की उपस्थिति इन्हें बृहस्पति और शनि जैसे गैस दानव ग्रहों से जोड़ती है। ब्राउन ड्वार्फ्स का द्रव्यमान बृहस्पति से लेकर उसके 70 गुना तक हो सकता है।

खोज का वैज्ञानिक महत्व

इस तंत्र की विशेषता यह है कि इसमें दो T-प्रकार के ब्राउन ड्वार्फ्स एक M4 प्रकार के रेड ड्वार्फ तारा युग्म की परिक्रमा कर रहे हैं। इस तरह की संरचना पहले कभी नहीं देखी गई। शोधकर्ताओं का कहना है कि ऐसा तंत्र अत्यंत दुर्लभ है क्योंकि ब्राउन ड्वार्फ्स आमतौर पर अकेले पाए जाते हैं और उनके साथी की संभावना केवल 5% होती है।
ब्राउन ड्वार्फ्स बहुत ठंडे और मंद होते हैं, जिससे इन्हें सीधे देखना मुश्किल होता है। लेकिन जब ये किसी उज्जवल तारे के साथ होते हैं, तो वैज्ञानिक उन उज्जवल तारों का अध्ययन कर ब्राउन ड्वार्फ्स की उम्र, तापमान और रासायनिक संरचना का अनुमान लगा सकते हैं।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • ‘UPM J1040−3551 AabBab’ नामक यह तंत्र पहली बार वैज्ञानिकों ने खोजा है जिसमें दो T-प्रकार के ब्राउन ड्वार्फ्स दो रेड ड्वार्फ्स की परिक्रमा कर रहे हैं।
  • ब्राउन ड्वार्फ्स न तो पूर्ण तारे होते हैं और न ही ग्रह, इन्हें ‘अधूरे तारे’ कहा जाता है।
  • इनका तापमान बहुत कम और चमक अत्यंत मंद होती है, जिससे इन्हें देखना कठिन होता है।
  • ब्राउन ड्वार्फ्स की खोज से वैज्ञानिक ब्रह्मांड में द्रव्यमान के वितरण और तारों-ग्रहों के निर्माण की प्रक्रिया को बेहतर समझ सकते हैं।

खोज में शामिल संस्थान और वैज्ञानिक

इस शोध का नेतृत्व नानजिंग विश्वविद्यालय के प्रोफेसर झेंगहुआ झांग ने किया। इसमें यूनिवर्सिटी ऑफ हर्टफोर्डशायर (UK), ब्राज़ीलियन नेशनल एस्ट्रोफिज़िक्स लैब, चिली स्थित SOAR टेलीस्कोप और स्पेन के सेंटर फॉर एस्ट्रोबायोलॉजी के वैज्ञानिक शामिल थे।
यूनिवर्सिटी ऑफ हर्टफोर्डशायर के शोधकर्ता और सह-लेखक ह्यू जोंस ने इस खोज को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि यह खोज छोटे पिंडों वाले बहु-तारकीय तंत्रों के अध्ययन में नई संभावनाओं के द्वार खोलती है।
इस खोज से ब्राउन ड्वार्फ्स के अस्तित्व, उनकी उत्पत्ति और खगोलीय पिंडों के बीच आपसी रिश्तों की गहराई से समझ विकसित करने में मदद मिलेगी — जो खगोल विज्ञान के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।

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