मिजोरम की 9 वर्षीय एस्थर एचनामते को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार: देशभक्ति और संगीत की अद्भुत मिसाल

मिजोरम की 9 वर्षीय एस्थर एचनामते को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार: देशभक्ति और संगीत की अद्भुत मिसाल

मिजोरम के लुंगलेई जिले से आने वाली 9 वर्षीय गायिका एस्थर लालदुहवमी एचनामते ने अपने अद्भुत गायन और देशभक्ति से भारत के सांस्कृतिक परिदृश्य में विशेष स्थान बना लिया है। उनकी भावपूर्ण प्रस्तुति “वंदे मातरम्” ने न केवल लाखों लोगों को भावविभोर किया, बल्कि उन्हें भारत के सर्वोच्च बाल नागरिक सम्मान, प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया।

बचपन और संगीत की शुरुआत

9 जून 2016 को जन्मी एस्थर ने मात्र तीन वर्ष की आयु में संगीत के प्रति गहरा झुकाव दिखाया। मिजोरम की समृद्ध कोरल और गिरिजाघर आधारित संगीत परंपरा में पली-बढ़ी एस्थर ने अपने गायन की शुरुआत चर्च कार्यक्रमों और सामुदायिक आयोजनों से की। इन प्रारंभिक मंचों ने न केवल उनकी आत्मविश्वास को बढ़ाया, बल्कि उनकी गायन क्षमता और स्वर की स्पष्टता को भी निखारा।

उनके परिवार और स्थानीय समाज के सहयोग से उनमें अनुशासन और भावनात्मक अभिव्यक्ति की गहराई विकसित हुई, जो उनकी गायकी की विशेषता बन गई।

वायरल वीडियो और राष्ट्रीय पहचान

2020 में एस्थर का “वंदे मातरम्” गीत का एक वीडियो वायरल हुआ, जिसे प्रसिद्ध संगीतकार ए. आर. रहमान ने मूल रूप से रचा था। यह वीडियो मिजोरम के पूर्व मुख्यमंत्री जोरमथांगा और फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा साझा किया गया। इसके बाद एस्थर एक स्थानीय प्रतिभा से राष्ट्रीय पहचान बन गईं।

उनकी कोमल आवाज़ में देशभक्ति का भाव, संगीत की परिपक्वता और आत्मीयता ने उन्हें पूरे देश में विशेष प्रशंसा दिलाई।

सम्मान और सांस्कृतिक योगदान

वायरल सफलता के बाद अगस्त 2021 में एस्थर ने असम राइफल्स के सहयोग से राष्ट्रगान पर आधारित एक विशेष म्यूजिक वीडियो जारी किया, जो कुछ ही दिनों में लाखों बार देखा गया। दिसंबर 2023 में उन्होंने प्रधानमंत्री की उपस्थिति में आयोजित अष्टलक्ष्मी महोत्सव में भी प्रदर्शन किया, जिससे उनकी सांस्कृतिक भूमिका और मजबूत हुई।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार भारत का सर्वोच्च बाल नागरिक सम्मान है।
  • मिजोरम में गिरिजाघर-आधारित कोरल संगीत की समृद्ध परंपरा है।
  • अष्टलक्ष्मी महोत्सव पूर्वोत्तर भारत की सांस्कृतिक विविधता का उत्सव है।
  • असम राइफल्स पूर्वोत्तर भारत की सबसे पुरानी अर्धसैनिक बल है।

पूर्वोत्तर भारत की उभरती सांस्कृतिक प्रतिनिधि

बीते वर्षों में एस्थर को डालमिया सीमेंट भारत लिमिटेड का यंग अचीवर्स अवार्ड, मिजोरम के पूर्व राज्यपाल पी. एस. श्रीधरन पिल्लई से विशेष सम्मान, और “अ स्टार इज़ बॉर्न” नामक पुरस्कार विजेता डॉक्यूमेंट्री में स्थान प्राप्त हुआ है।

आज एस्थर लालदुहवमी एचनामते न केवल भारत की युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा हैं, बल्कि मिजोरम की सांस्कृतिक विरासत की गौरवपूर्ण प्रतिनिधि भी बन चुकी हैं। उनकी कहानी यह सिद्ध करती है कि सच्ची प्रतिभा उम्र की मोहताज नहीं होती।

Originally written on December 27, 2025 and last modified on December 27, 2025.

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