मार्च के बाद अब औद्योगिक उत्पादन सूचकांक में सबसे अधिक वृद्धि दर्ज की गयी

मार्च के बाद अब औद्योगिक उत्पादन सूचकांक में सबसे अधिक वृद्धि दर्ज की गयी

इस साल अक्टूबर महीने के लिए देश का औद्योगिक उत्पादन 3.6 प्रतिशत रहा, जो पिछले महीने में 0.5 प्रतिशत था। सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार लॉकडाउन के लागू होने के बाद औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) ने अब सबसे अधिक वृद्धि दर्ज की है।

आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर में विनिर्माण क्षेत्र के उत्पादन में 3.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई और बिजली में 11.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि खनन में 1.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई। 2019 में इसी अवधि के लिए, IIP में 6.6 प्रतिशत का संकुचन हुआ था।

औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (Index of Industrial Production)

औद्योगिक उत्पादन सूचकांक के द्वारा लघु काल में कुछ एक निश्चित औद्योगिक उत्पादों के उत्पादन में होने वाले परिवर्तन को दर्शाता है। औद्योगिक उत्पादन सूचकांक का प्रकाशन केन्द्रीय सांख्यिकीय संगठन द्वारा प्रति माह किया जाता है।

औद्योगिक उत्पादन सूचकांक विनिर्माण क्षेत्र का एक महत्वपूर्ण आर्थिक संकेतक है। औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) में शामिल वस्तुओं के भार में आठ कोर उद्योग, बिजली, इस्पात, रिफाइनरी उत्पाद, कच्चा तेल, कोयला, सीमेंट, प्राकृतिक गैस और उर्वरक शामिल हैं।

औद्योगिक उत्पादन सूचकांक में कुल 407 वस्तु समूह शामिल किये गए हैं, इसमें वस्तुओं को तीन श्रेणियों में विभाजित किया गया है: विनिर्माण क्षेत्र में 405 वस्तुएं, उत्खनन और विद्युत में एक-एक वस्तु को शामिल किया गया है। इन तीनो वस्तु समूहों का भार 77.63%, 14.37% तथा 7.9% है।

कोर सेक्टर का भार : पेट्रोलियम रिफाइनरी उत्पाद (28.04%), विद्युत् उत्पादन (19.85%), स्टील उत्पादन (17.92%), कोयला उत्पादन (10.33%), कच्चा तेल उत्पादन (8.98%), प्राकृतिक गैस उत्पादन (6.88%), सीमेंट (5.37%), उर्वरक (2.63%)।

Originally written on December 12, 2020 and last modified on December 12, 2020.

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