मातृ मृत्यु दर को शून्य पर लाकर पुडुचेरी बना देश का पहला केंद्रशासित प्रदेश

महिलाओं की स्वास्थ्य सेवाओं में ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज करते हुए पुडुचेरी देश का पहला केंद्रशासित प्रदेश बन गया है जिसने मातृ मृत्यु दर को शून्य पर ला दिया है। वर्ष 2024-25 के दौरान प्रसव के समय एक भी महिला की मृत्यु दर्ज नहीं की गई, जिसके लिए केंद्र सरकार ने पुडुचेरी को प्लैटिनम सर्टिफिकेट प्रदान किया है।
स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में ऐतिहासिक प्रगति
कंबन कला अरंगम में आयोजित ‘स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार अभियान’ नामक महिला स्वास्थ्य महोत्सव का उद्घाटन करते हुए उपराज्यपाल के कैलाशनाथन ने इस उपलब्धि की घोषणा की। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने 62,000 से अधिक युवतियों की एनीमिया जांच और उपचार किया है। इस सफलता का श्रेय मुख्यमंत्री एन. रंगासामी, चिकित्सकों, नर्सों, आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को देते हुए उन्होंने कहा कि यह सामूहिक प्रयासों का परिणाम है।
मुख्यमंत्री की महिला केंद्रित योजनाएं
मुख्यमंत्री एन. रंगासामी ने अपने संबोधन में महिला स्वास्थ्य और सशक्तिकरण के लिए किए गए कई ठोस कदमों का उल्लेख किया, जिनमें शामिल हैं:
- मुख्यमंत्री कन्या बालिका ट्रस्ट फंड योजना, जिसके तहत बालिकाओं के लिए वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित की गई है।
- जन्म पर ₹50,000 का बीमा योजना बालिकाओं के लिए।
- महिलाओं के नाम पर संपत्ति पंजीकरण पर 50% स्टाम्प शुल्क में छूट।
- सुलभ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का व्यापक नेटवर्क, जो गांवों तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाता है।
- शैक्षिक सहायता योजनाएं, जिनके चलते अब लड़कियाँ स्कूल नहीं छोड़ रहीं, बल्कि उच्च शिक्षा प्राप्त कर रही हैं।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- पुडुचेरी पहला केंद्रशासित प्रदेश है जहाँ मातृ मृत्यु दर 2024-25 में शून्य रही।
- भारत सरकार द्वारा प्लैटिनम सर्टिफिकेट गुणवत्ता वाली मातृत्व सेवाओं के लिए प्रदान किया गया।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिवस पर यह महिला स्वास्थ्य उत्सव आयोजित किया गया।
- आयुष्मान भारत और जननी सुरक्षा योजना जैसी योजनाएं राष्ट्रीय स्तर पर मातृ मृत्यु दर में कमी लाने के उद्देश्य से चलाई जा रही हैं।