माउंट एटना: नए भूकंपीय संकेतकों से ज्वालामुखी विस्फोटों की भविष्यवाणी की नई राह
यूरोप के सबसे सक्रिय ज्वालामुखी माउंट एटना को लेकर वैज्ञानिकों ने हाल ही में एक नई और उन्नत विधि विकसित की है, जिससे भविष्य में इसके विस्फोटों की सटीक भविष्यवाणी संभव हो सकती है। इटली के सिसिली द्वीप पर स्थित यह ज्वालामुखी पिछले 2,700 वर्षों से मनुष्यों द्वारा प्रलेखित किया जा रहा है, जबकि इसका भूवैज्ञानिक इतिहास लगभग 5 लाख वर्षों पुराना है।
‘b वैल्यू’ से ज्वालामुखीय गतिविधियों की पहचान
इटली के नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ जियोफिजिक्स एंड वॉल्केनोलॉजी (INGV) के वैज्ञानिकों ने माउंट एटना के नीचे मैग्मा की गतिविधियों को समझने के लिए ‘b वैल्यू’ नामक भूकंपीय संकेतक का उपयोग किया है। यह संकेतक यह बताता है कि किसी क्षेत्र में छोटे और बड़े भूकंपों का अनुपात क्या है। जैसे-जैसे मैग्मा ज़मीन के भीतर ऊपर की ओर बढ़ता है, यह अनुपात बदलता है और ज्वालामुखी में तनाव की स्थिति का संकेत देता है।
मुख्य शोधकर्ता मार्को फिरेट्टो कारलीनो के अनुसार, b वैल्यू में समय के साथ आने वाले बदलाव यह दर्शाते हैं कि ज्वालामुखी के भीतर तनाव किस प्रकार विकसित हो रहा है। यह बदलाव यह बताने में सहायक हो सकता है कि मैग्मा किस स्तर पर पहुँच चुका है – गहराई में, मध्य स्तर पर या सतह के समीप।
माउंट एटना की जटिल संरचना और नई खोज
माउंट एटना अफ्रीकी और यूरोपीय टेक्टोनिक प्लेटों की टकराहट के क्षेत्र में स्थित है। इसके नीचे ज़मीन की परत लगभग 30 किलोमीटर मोटी है, और इसी में विभिन्न गहराइयों पर मैग्मा के भंडारण क्षेत्र (स्टोरेज ज़ोन) बने हैं। सबसे गहरा क्षेत्र समुद्र तल से 11 किलोमीटर नीचे है, जो ऊपरी दो अन्य स्तरों को मैग्मा की आपूर्ति करता है।
2005 से 2024 तक के दो दशकों के भूकंपीय आंकड़ों का विश्लेषण कर वैज्ञानिकों ने यह पाया कि b वैल्यू और ज्वालामुखी की गतिविधियों के बीच एक बहुत मजबूत संबंध है। अधिक सक्रिय क्षेत्रों में छोटे भूकंप अधिक होते हैं और वहां b वैल्यू ऊंची होती है, जबकि स्थिर क्षेत्रों में बड़े भूकंप ज्यादा होते हैं और b वैल्यू कम होती है।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- माउंट एटना यूरोप का सबसे सक्रिय ज्वालामुखी है, और इसकी आखिरी विस्फोट जून 2025 में हुई थी।
- ‘b वैल्यू’ एक भूकंपीय आँकड़ा है जो छोटे और बड़े भूकंपों के अनुपात को दर्शाता है।
- माउंट एटना में मैग्मा तीन स्तरों वाले भंडारण क्षेत्रों से होकर सतह तक पहुंचता है।
- यह ज्वालामुखी अफ्रीकी और यूरोपीय प्लेटों के बीच की ‘स्ट्राइक-स्लिप फॉल्ट’ पर स्थित है।