महासागर की गहराइयों में मिला अब तक का सबसे लंबी पूंछ वाला वायरस: PelV-1

महासागर की गहराइयों में मिला अब तक का सबसे लंबी पूंछ वाला वायरस: PelV-1

वैज्ञानिकों ने उत्तर प्रशांत उपोष्णकटिबंधीय घूर्णन क्षेत्र (North Pacific Subtropical Gyre) में अनुसंधान करते समय एक अद्वितीय और विशाल वायरस की खोज की है, जिसे PelV-1 नाम दिया गया है। यह वायरस अपनी अभूतपूर्व रूपरेखा और समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र पर संभावित प्रभावों के कारण वैज्ञानिक समुदाय में चर्चा का विषय बन गया है। इसकी सबसे विशेष बात है इसकी 2.3 माइक्रोमीटर लंबी पूंछ, जो अब तक देखे गए किसी भी वायरस की पूंछ से बड़ी है।

PelV-1 की अद्भुत संरचना

PelV-1 वायरस समुद्री प्लवक (plankton) की एक प्रजाति Pelagodinium को संक्रमित करता है। इस वायरस का मुख्य कवरिंग भाग, जिसे कैप्सिड (capsid) कहते हैं, लगभग 200 नैनोमीटर का है, लेकिन इसकी पूंछ इसे असाधारण बनाती है। तुलना करें तो, यह पूंछ COVID-19 वायरस से लगभग 19 गुना लंबी है। इस वायरस में दो पूंछें हैं, जिनमें से एक लगभग 30 नैनोमीटर चौड़ी और 2.3 माइक्रोमीटर लंबी है, जो अब तक दर्ज की गई सबसे लंबी वायरस पूंछ मानी जा रही है।

संक्रमण की प्रक्रिया और जीनोमिक विशेषताएँ

समय-व्यतीत चित्रण (time-lapse imaging) से पता चला कि यह लंबी पूंछ प्लवक कोशिका से जुड़ने और उसे संक्रमित करने में मदद करती है। आश्चर्यजनक रूप से, जब वायरस कोशिका के भीतर प्रवेश कर जाता है, तो उसमें पूंछ नहीं दिखाई देती, जिससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि पूंछ की संरचना केवल वायरस के कोशिका से बाहर होने पर बनती है।
PelV-1 का जीनोम भी अत्यधिक विशाल है — इसमें 459,000 बेस पेयर्स और 467 जीन पाए गए हैं। इनमें से कई जीन सामान्यतः केवल जीवित कोशिकाओं में पाए जाते हैं, जैसे ऊर्जा उत्पादन चक्र, प्रकाश-संग्रहण प्रोटीन, और रॉडोप्सिन जैसे प्रकाश-संवेदनशील अणु। यह सुझाव देता है कि वायरस अपने मेजबान से परे खुद भी कुछ जैविक गतिविधियाँ संचालित कर सकता है।

सह-खोज: एक और अनोखा वायरस co-PelV

इस शोध के दौरान वैज्ञानिकों ने एक और दुर्लभ वायरस की पहचान की, जिसे co-PelV नाम दिया गया है। इस वायरस में पूंछ नहीं है, लेकिन इसके पास ऐसे चयापचयी (metabolic) जीन हैं जो संभवतः उसके मेजबान की ऊर्जा खपत और व्यवहार को प्रभावित कर सकते हैं। दोनों वायरसों की खोज Station ALOHA — हवाई के उत्तर में स्थित एक समुद्री शोध केंद्र — से समुद्र तल के 25 मीटर नीचे से प्राप्त जल नमूनों में हुई।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • PelV-1 की पूंछ लगभग 2.3 माइक्रोमीटर लंबी है, जो किसी भी ज्ञात वायरस से सबसे लंबी है।
  • यह वायरस एक डिनोफ्लैगलेट प्लवक Pelagodinium को संक्रमित करता है, जो समुद्री पारिस्थितिकी में ऊर्जा श्रृंखला का अहम हिस्सा है।
  • PelV-1 के जीनोम में 467 जीन हैं, जो इसे एक ‘जायंट वायरस’ की श्रेणी में रखते हैं।
  • Station ALOHA समुद्री शोध के लिए एक प्रमुख स्थान है, जहाँ लंबे समय से समुद्री पारिस्थितिकी की निगरानी की जाती है।

समुद्री जीवन और जैविक संरचनाओं को समझने के लिए PelV-1 जैसी खोजें अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। यह न केवल वायरस की परंपरागत परिभाषाओं को चुनौती देता है, बल्कि समुद्री पारिस्थितिकी के ऊर्जा और पोषण चक्रों पर भी नया प्रकाश डालता है। भविष्य में इस वायरस पर और शोध से हमें यह जानने में मदद मिल सकती है कि प्रकृति में ऐसे और कितने रहस्यमयी वायरस छिपे हुए हैं।

Originally written on August 15, 2025 and last modified on August 15, 2025.

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