महाराष्ट्र में शक्तिपीठ एक्सप्रेसवे को कैबिनेट की मंज़ूरी, किसानों का विरोध जारी

महाराष्ट्र में शक्तिपीठ एक्सप्रेसवे को कैबिनेट की मंज़ूरी, किसानों का विरोध जारी

महाराष्ट्र सरकार ने 24 जून 2025 को एक अहम फैसला लेते हुए 802 किलोमीटर लंबे शक्तिपीठ एक्सप्रेसवे के लिए डिज़ाइन और ₹20,787 करोड़ की योजना और भूमि अधिग्रहण की स्वीकृति प्रदान की। यह परियोजना मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अगुआई वाली कैबिनेट बैठक में पारित हुई। हालांकि, इस निर्णय का राज्य के 12 जिलों के किसानों द्वारा जबरदस्त विरोध किया जा रहा है।

परियोजना का विवरण और महत्व

शक्तिपीठ एक्सप्रेसवे विदर्भ के वर्धा जिले के पावनार से शुरू होकर महाराष्ट्र-गोवा सीमा के पत्रदेवी तक जाएगा। यह एक्सप्रेसवे वर्धा, यवतमाल, नांदेड, बीड, लातूर, धाराशिव, सोलापुर, सांगली, कोल्हापुर और सिंधुदुर्ग सहित 12 जिलों को जोड़ेगा। इस मार्ग पर महुर, तुलजापुर, औंढा नागनाथ, अक्कलकोट, गंगापुर, और नर्सोबाची वाड़ी जैसे प्रमुख शक्तिपीठों को जोड़ा जाएगा, जिससे धार्मिक यात्रा को बढ़ावा मिलेगा।
कैबिनेट द्वारा HUDCO से ₹12,000 करोड़ के ऋण को भी स्वीकृति दी गई है, जिससे लगभग 7,500 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा। महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम (MSRDC) इस परियोजना को लागू करेगा।

किसानों का विरोध और विवाद

पूर्व सांसद और किसान नेता राजू शेट्टी के नेतृत्व में किसानों ने इस परियोजना का पुरजोर विरोध किया है। उनका कहना है कि यह परियोजना किसानों की ज़मीन हड़पने का तरीका है और इसके माध्यम से निजी मुनाफा और टोल संग्रह की योजना बनाई जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ₹36,000 करोड़ की परियोजना पर ₹86,000 करोड़ खर्च कर रही है, जिसमें ₹50,000 करोड़ की कथित भ्रष्टाचार की संभावना है।
कोल्हापुर, बीड और अन्य जिलों के किसान इस परियोजना के लिए भूमि सर्वेक्षण तक नहीं करने दे रहे हैं। यहां तक कि ड्रोन सर्वेक्षण को भी विरोध का सामना करना पड़ा है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • शक्तिपीठ एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 802 किलोमीटर है और यह नागपुर से गोवा की यात्रा को 18 घंटे से घटाकर 8 घंटे कर देगा।
  • यह परियोजना ‘समृद्धि महामार्ग’ की तर्ज पर एक एक्सेस-कंट्रोल्ड एक्सप्रेसवे के रूप में विकसित की जा रही है।
  • परियोजना के लिए कुल अनुमानित लागत ₹84,000 करोड़ बताई गई है।
  • एक्सप्रेसवे 18 धार्मिक स्थलों को जोड़ेगा, जिसमें महाराष्ट्र के प्रसिद्ध “साडे तीन शक्तिपीठ” भी शामिल हैं।

अन्य महत्वपूर्ण कैबिनेट निर्णय

  • राज्य सरकार ने आदिवासी छात्रों के लिए होस्टलों में भत्तों में वृद्धि की है। अब संभाग स्तर पर ₹1,400, जिला स्तर पर ₹1,300 और तालुका स्तर पर ₹1,000 प्रति माह मिलेगा।
  • कोयना डैम की विद्युत परियोजना के लिए ₹862 करोड़ का प्रावधान किया गया।
  • बांद्रा (पूर्व) में उच्च न्यायालय परिसर के लिए 30.16 एकड़ भूमि सार्वजनिक निर्माण विभाग को हस्तांतरित करने का निर्णय भी लिया गया।

शक्तिपीठ एक्सप्रेसवे धार्मिक और भौगोलिक रूप से एक महत्त्वपूर्ण परियोजना है, लेकिन किसानों के व्यापक विरोध के चलते यह राजनीतिक और सामाजिक रूप से एक बड़ा मुद्दा बन गया है। सरकार के लिए यह चुनौती होगी कि वह विकास और जनसमर्थन के बीच संतुलन बनाए रखे।

Originally written on June 25, 2025 and last modified on June 25, 2025.

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