महाराष्ट्र को मिला ‘सर्वश्रेष्ठ राज्य’ का सम्मान राष्ट्रीय जल पुरस्कार 2024 में
भारत में जल संरक्षण और प्रबंधन के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्यों को सम्मानित करने हेतु आयोजित 6वें राष्ट्रीय जल पुरस्कार 2024 में महाराष्ट्र को ‘सर्वश्रेष्ठ राज्य’ (Best State) श्रेणी में शीर्ष स्थान प्राप्त हुआ है। यह उपलब्धि राज्य की दीर्घकालिक जल संसाधन योजनाओं और सामुदायिक भागीदारी के सफल क्रियान्वयन का परिणाम है। इन पुरस्कारों का आयोजन केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय द्वारा किया गया है, और विजेताओं को 18 नवंबर 2025 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा नई दिल्ली में सम्मानित किया जाएगा।
महाराष्ट्र की जल प्रबंधन में अग्रणी पहलें
महाराष्ट्र ने हाल के वर्षों में जल संरक्षण और सिंचाई दक्षता में उल्लेखनीय सुधार किए हैं। राज्य की समेकित जलग्रहण प्रबंधन परियोजनाएँ, सूक्ष्म सिंचाई तकनीकों को बढ़ावा, और जल निकायों के पुनरुद्धार के प्रयास इस सम्मान के प्रमुख कारण बने। इन पहलों ने न केवल जल उपलब्धता में सुधार किया, बल्कि किसानों की उत्पादकता और ग्रामीण आजीविका में भी सकारात्मक प्रभाव डाला।
अन्य राज्यों की उपलब्धियां
इस श्रेणी में गुजरात को दूसरा और हरियाणा को तीसरा स्थान प्राप्त हुआ। इन राज्यों ने भी जल संरक्षण योजनाओं, कुशल सिंचाई प्रणालियों और सामुदायिक सहभागिता के क्षेत्र में प्रभावी मॉडल प्रस्तुत किए। इसके अलावा, ‘जल संचय जन भागीदारी 1.0’ पहल के तहत तेलंगाना ने 5.2 लाख जल संरचनाएँ पूर्ण कर शीर्ष स्थान हासिल किया, जबकि छत्तीसगढ़ और राजस्थान क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे।
राष्ट्रीय जल पुरस्कारों की व्यापक श्रेणियां
राष्ट्रीय जल पुरस्कार देश में जल प्रबंधन के हर स्तर पर उत्कृष्ट योगदान को सम्मानित करते हैं। इनमें सर्वश्रेष्ठ जिला, ग्राम पंचायत, नगरीय निकाय, उद्योग, संस्था और व्यक्तिगत योगदान जैसी श्रेणियाँ शामिल हैं। इस वर्ष कुल 46 पुरस्कार दिए जाएंगे, जिनका उद्देश्य सतत जल उपयोग और संरक्षण की संस्कृति को बढ़ावा देना है।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- महाराष्ट्र ने 6वें राष्ट्रीय जल पुरस्कार 2024 में ‘सर्वश्रेष्ठ राज्य’ का खिताब जीता।
- इन पुरस्कारों का आयोजन केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय द्वारा किया जाता है।
- राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 18 नवंबर 2025 को विजेताओं को सम्मानित करेंगी।
- ‘जल संचय जन भागीदारी 1.0’ पहल में तेलंगाना शीर्ष राज्य रहा।
महाराष्ट्र की इस सफलता ने जल प्रबंधन में उसकी अग्रणी भूमिका को और सशक्त किया है। ऐसे राष्ट्रीय स्तर के सम्मान न केवल राज्यों को प्रेरित करते हैं, बल्कि देशभर में जल संरक्षण, सामुदायिक सहभागिता और सतत विकास के प्रयासों को नई दिशा प्रदान करते हैं।