महाराष्ट्र के पाँच समुद्र तटों को मिला अंतरराष्ट्रीय ब्लू फ्लैग प्रमाणन

महाराष्ट्र के समुद्री पर्यटन को एक नई पहचान मिली है, जब राज्य के पाँच समुद्र तटों को प्रतिष्ठित “ब्लू फ्लैग” प्रमाणन से सम्मानित किया गया। यह घोषणा राज्य की महिला और बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे ने की, जिससे न केवल पर्यावरणीय प्रयासों की सराहना हुई, बल्कि पर्यटन क्षेत्र में भी एक नया कीर्तिमान स्थापित हुआ।
कौन-कौन से समुद्र तट हुए सम्मानित?
इस सूची में रायगढ़ ज़िले के श्रीवर्धन और नागांव समुद्र तट, पालघर के पारनाका समुद्र तट, और रत्नागिरी ज़िले के गुहागर व लाडघर समुद्र तट शामिल हैं। इन स्थानों को “ब्लू फ्लैग” प्रमाणन प्राप्त होना इस बात का संकेत है कि ये तट स्वच्छता, पर्यावरण संरक्षण और पर्यटन की दृष्टि से अंतरराष्ट्रीय मानकों पर खरे उतरते हैं।
क्या होता है ब्लू फ्लैग प्रमाणन?
ब्लू फ्लैग एक अंतरराष्ट्रीय स्तर का प्रमाणन है, जिसे डेनमार्क की संस्था “फाउंडेशन फॉर एनवायरनमेंटल एजुकेशन” (FEE) द्वारा दिया जाता है। यह मान्यता उन समुद्र तटों को दी जाती है जो कुल 33 मानकों पर खरे उतरते हैं। इनमें जल गुणवत्ता, सुरक्षा, पर्यावरणीय शिक्षा, कचरा प्रबंधन, सार्वजनिक सुविधाएं और प्राकृतिक सौंदर्य जैसे तत्व शामिल होते हैं।
यह प्रमाणन पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देता है और इस बात की गारंटी देता है कि संबंधित समुद्र तट न केवल पर्यटकों के लिए आकर्षक हैं, बल्कि वहां का पारिस्थितिकी तंत्र भी संरक्षित और संतुलित है।
स्थानीय प्रशासन और जनता की भूमिका
इन समुद्र तटों को अंतरराष्ट्रीय मान्यता दिलाने में स्थानीय प्रशासन, स्वयंसेवी संगठनों और स्थानीय जनता की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। उन्होंने समुद्र तटों की स्वच्छता बनाए रखने, पर्यावरण शिक्षा को बढ़ावा देने और मूलभूत सुविधाओं के विकास में उल्लेखनीय योगदान दिया है। इससे यह उम्मीद की जा सकती है कि राज्य के अन्य समुद्र तट भी भविष्य में इसी मान्यता को प्राप्त करेंगे।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- ब्लू फ्लैग प्रमाणन डेनमार्क स्थित Foundation for Environmental Education (FEE) द्वारा प्रदान किया जाता है।
- भारत में कुल 12 से अधिक समुद्र तट अब तक ब्लू फ्लैग मान्यता प्राप्त कर चुके हैं।
- 33 मानदंडों में जल गुणवत्ता, पर्यावरण शिक्षा, लाइफगार्ड सेवाएं और कचरा प्रबंधन प्रमुख हैं।
- श्रीवर्धन और नागांव तट रायगढ़ जिले में प्रमुख पर्यटन स्थल माने जाते हैं।