मस्तिष्क की नई खोज: साइनैप्स के बिना न्यूरॉन्स को जोड़ने वाली डेंड्राइटिक नैनोट्यूब्स

मस्तिष्क की नई खोज: साइनैप्स के बिना न्यूरॉन्स को जोड़ने वाली डेंड्राइटिक नैनोट्यूब्स

न्यूरोसाइंटिस्ट दशकों से यह मानते आए हैं कि मस्तिष्क की कोशिकाएं — न्यूरॉन्स — एक-दूसरे से केवल साइनैप्स नामक संरचनाओं के माध्यम से संवाद करती हैं। परंतु अब एक शोध टीम ने मस्तिष्क में एक नई प्रकार की सूक्ष्म संरचना की खोज की है, जो संभवतः इन साइनैप्स को बायपास करके न्यूरॉन्स को जोड़ सकती है। इस खोज से मस्तिष्क के काम करने के तरीकों को लेकर वैज्ञानिक दृष्टिकोण में गहरा परिवर्तन आ सकता है।

डेंड्राइटिक नैनोट्यूब्स: एक क्रांतिकारी संरचना

जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक ह्युंगबे क्वॉन और उनकी टीम ने उच्च-रिज़ोल्यूशन माइक्रोस्कोपी की मदद से मानव और चूहे के मस्तिष्क में लगभग 3 माइक्रोमीटर लंबी और कुछ सौ नैनोमीटर मोटी नलिकाएं देखीं, जिन्हें उन्होंने डेंड्राइटिक नैनोट्यूब्स (Dendritic Nanotubes – DNTs) नाम दिया। ये ट्यूब्स दो डेंड्राइट्स को जोड़ती थीं, लेकिन इनके दोनों सिरे बंद थे — जो इन्हें पारंपरिक टनलिंग नैनोट्यूब्स (TNTs) से भिन्न बनाता है।
DNTs की विशेषता यह है कि ये साइनैप्टिक गैप के बिना ही एक न्यूरॉन से दूसरे तक जानकारी या अणु भेजने की क्षमता रखती हैं। शोध में यह भी स्पष्ट हुआ कि DNTs, विद्युत संकेतों और यहां तक कि अमाइलॉयड-बीटा जैसे रोग-संबंधी प्रोटीनों को भी एक कोशिका से दूसरी में स्थानांतरित कर सकती हैं।

संभावित संचार और रोग फैलाव की भूमिका

टीम ने यह पाया कि जब एक न्यूरॉन में कैल्शियम आयनों की मात्रा कृत्रिम रूप से बढ़ाई गई, तो इसके समीप स्थित अन्य न्यूरॉन्स में भी कैल्शियम का स्तर बढ़ गया — जिससे यह साबित होता है कि DNTs के माध्यम से चार्ज कणों का स्थानांतरण हो रहा था।
इसके अलावा, जब एक न्यूरॉन में अल्ज़ाइमर रोग से जुड़ा प्रोटीन एमाइलॉयड-बीटा डाला गया, तो वह शीघ्र ही आसपास की कोशिकाओं में भी पाया गया। DNTs को अवरुद्ध करने पर यह स्थानांतरण रुक गया, जिससे यह संभावना सामने आई कि ये नैनोट्यूब्स अल्ज़ाइमर जैसे रोगों के फैलाव में भी भूमिका निभा सकते हैं।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • डेंड्राइटिक नैनोट्यूब्स मस्तिष्क में अब तक ज्ञात साइनैप्स के अतिरिक्त न्यूरॉन संचार की एक नई प्रणाली का संकेत देती हैं।
  • DNTs की लंबाई लगभग 3 माइक्रोमीटर होती है, जबकि पारंपरिक TNTs 10 माइक्रोमीटर या उससे लंबी होती हैं।
  • इस खोज में सुपर-रेज़ोल्यूशन माइक्रोस्कोपी और मशीन लर्निंग की मदद से इन संरचनाओं की पहचान की गई।
  • अल्ज़ाइमर के शुरुआती लक्षणों में एमाइलॉयड-बीटा का न्यूरॉन के भीतर जमाव प्रमुख माना जाता है — जिससे DNTs की भूमिका महत्वपूर्ण हो सकती है।
Originally written on October 4, 2025 and last modified on October 4, 2025.

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