मलयालम अभिनेता अखिल विश्वनाथ का निधन: फिल्म जगत में शोक की लहर
स्टेट अवॉर्ड से सम्मानित मलयालम अभिनेता अखिल विश्वनाथ के असामयिक निधन से केरल का फिल्म जगत गहरे सदमे में है। महज 30 वर्ष की उम्र में उनके निधन की खबर सामने आने के बाद फिल्मकारों, कलाकारों और सिनेमा से जुड़े लोगों ने गहरा दुख व्यक्त किया है। अखिल को निर्देशक सनल कुमार ससीधरन की चर्चित फिल्म “चोला” में उनके प्रभावशाली अभिनय के लिए विशेष रूप से जाना जाता था।
मिली जानकारी के अनुसार, अखिल विश्वनाथ अपने घर में मृत पाए गए। उनकी मां गीता ने उन्हें उस समय देखा जब वे काम पर जाने की तैयारी कर रही थीं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, वे घर के भीतर फंदे से लटके हुए मिले। अखिल हाल के समय में कोट्टाली स्थित एक मोबाइल फोन की दुकान में मैकेनिक के रूप में काम कर रहे थे, हालांकि कुछ समय से वे काम पर नहीं जा रहे थे।
उनके पिता विश्वनाथन हाल ही में हुए एक बाइक हादसे में गंभीर रूप से घायल हुए थे और उनका इलाज चल रहा है। पुलिस ने मामले में आवश्यक औपचारिकताएं शुरू कर दी हैं और आगे की जांच जारी है।
अखिल विश्वनाथ ने बहुत कम उम्र में सिनेमा से जुड़ाव बना लिया था। छात्र जीवन के दौरान उन्होंने टेलीफिल्म “मांगांडी” में अपने अभिनय के लिए सर्वश्रेष्ठ बाल कलाकार का राज्य पुरस्कार जीता था। इस फिल्म में उन्होंने अपने भाई अरुण के साथ अभिनय किया था, और दोनों भाइयों को एक ही वर्ष में यह सम्मान मिला था।
इसके बाद अखिल को फिल्म “चोला” में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का अवसर मिला। यह फिल्म 2019 में केरल राज्य फिल्म पुरस्कार से सम्मानित हुई और अखिल के अभिनय को समीक्षकों ने काफी सराहा। उनके संयमित और गहन अभिनय ने उन्हें एक प्रतिभाशाली अभिनेता के रूप में स्थापित किया।
अखिल के निधन पर फिल्म जगत के कई लोगों ने गहरा दुख व्यक्त किया। निर्देशक सनल कुमार ससीधरन ने इसे दिल तोड़ने वाली खबर बताते हुए कहा कि अखिल कठिन परिस्थितियों से निकलकर सिनेमा तक पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि “चोला” जैसी एक ही फिल्म अखिल की अभिनय क्षमता को साबित करने के लिए काफी थी, लेकिन आगे उन्हें अपेक्षित अवसर नहीं मिल सके।
अभिनेता जोजू जॉर्ज सहित कई कलाकारों और तकनीशियनों ने अखिल को एक संवेदनशील, प्रतिभाशाली और सरल स्वभाव का इंसान बताते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी।
अखिल विश्वनाथ का निधन केवल एक अभिनेता की क्षति नहीं है, बल्कि यह फिल्म उद्योग में काम कर रहे युवा कलाकारों के सामने मौजूद मानसिक तनाव, करियर की अनिश्चितता और भावनात्मक दबाव की गंभीर याद दिलाता है। उनके जाने से यह सवाल फिर उठ खड़ा हुआ है कि प्रतिभाशाली कलाकारों के लिए मजबूत सहयोग तंत्र और मानसिक स्वास्थ्य के प्रति संवेदनशीलता कितनी आवश्यक है।