‘मन की बात’ में प्रधानमंत्री मोदी ने छठ पूजा, ऑपरेशन सिंदूर और जनजातीय नायकों को किया नमन

‘मन की बात’ में प्रधानमंत्री मोदी ने छठ पूजा, ऑपरेशन सिंदूर और जनजातीय नायकों को किया नमन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ के 127वें संस्करण में छठ पूजा के आध्यात्मिक और सामाजिक महत्व को रेखांकित करते हुए इसे संस्कृति, प्रकृति और समाज के बीच की गहरी एकता का प्रतीक बताया। उन्होंने बिहार, झारखंड और पूर्वांचल की परंपराओं में रची-बसी इस पूजा में महिलाओं की तपस्या और श्रद्धा को प्रेरणादायक बताया।

छठ पूजा और ऑपरेशन सिंदूर की प्रेरणा

प्रधानमंत्री ने कहा कि “छठ घाटों पर समाज का हर वर्ग एकत्र होता है, यह सामाजिक समरसता की जीवंत मिसाल है। मैं छठी मैया को नमन करता हूं।” उन्होंने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जैसी हाल की राष्ट्रीय उपलब्धियों ने इस वर्ष के त्योहारों को और अधिक उल्लासपूर्ण बना दिया है।
उन्होंने उल्लेख किया कि वे क्षेत्र, जो पहले माओवादी आतंक के अंधकार से ग्रस्त थे, अब दीयों की रोशनी से जगमगा रहे हैं। यह दर्शाता है कि जनता अब आतंकवाद से मुक्ति चाहती है और अपने बच्चों के भविष्य को सुरक्षित देखना चाहती है।

स्वदेशी खरीद, स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण

प्रधानमंत्री ने हालिया जीएसटी कटौती का हवाला देते हुए कहा कि त्योहारी मौसम में स्वदेशी वस्तुओं की खरीद में वृद्धि देखी जा रही है। उन्होंने अंबिकापुर के ‘गार्बेज कैफे’ का उल्लेख किया, जहां प्लास्टिक कचरे के बदले भोजन दिया जाता है। इसके साथ ही उन्होंने बेंगलुरु के इंजीनियर कपिल शर्मा और उनकी टीम के प्रयासों की सराहना की, जिन्होंने 40 कुओं और 6 झीलों को पुनर्जीवित किया।
गुजरात के धोलेरा और कच्छ में पिछले पांच वर्षों में किए गए मैंग्रोव रोपण अभियान की भी प्रशंसा की गई, जिससे समुद्री जीवन और प्रवासी पक्षियों की संख्या में वृद्धि हुई और मत्स्य पालन को भी लाभ मिला।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने माओवादी प्रभावित क्षेत्रों में उल्लास की भावना लौटाई है।
  • छठ पूजा में 1 किलो प्लास्टिक के बदले भोजन देने वाला ‘गार्बेज कैफे’ अंबिकापुर में संचालित होता है।
  • बीएसएफ और सीआरपीएफ अब भारतीय नस्ल के कुत्तों को अपनी इकाइयों में प्राथमिकता दे रही हैं।
  • सरदार पटेल की 150वीं जयंती (31 अक्टूबर) पर ‘एकता दौड़’ और ‘एकता दिवस परेड’ आयोजित होगी।
  • ‘वंदे मातरम्’ की रचना 1875 में हुई और 7 नवंबर 2025 से इसकी 150वीं वर्षगांठ मनाई जाएगी।

संस्कृति, भाषा और जनजातीय विरासत का सम्मान

प्रधानमंत्री ने ‘वंदे मातरम्’ गीत की 150वीं वर्षगांठ की घोषणा की और इसे भारत के सांस्कृतिक गौरव का प्रतीक बताया। उन्होंने संस्कृत भाषा को मिल रही नई ऊर्जा पर भी बात की और सोशल मीडिया पर संस्कृत को लोकप्रिय बना रहे युवाओं जैसे समष्टि, भावेश भिमनाथानी, भाई यश साळुंके, कमला और जान्हवी बहनों तथा “Sanskrit Chhatroham” चैनल की सराहना की।
इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने 22 अक्टूबर को मनाई गई कोमाराम भीम की जयंती और 15 नवंबर को आने वाली भगवान बिरसा मुंडा की जयंती — ‘जनजातीय गौरव दिवस’ — को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि जनजातीय समाज के ये नायक स्वतंत्रता संग्राम और सामाजिक अधिकारों के लिए प्रेरणा हैं।

Originally written on October 28, 2025 and last modified on October 28, 2025.

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