मध्य प्रदेश विधानसभा में धार्मिक स्वतंत्रता बिल पेश किया गया

मध्य प्रदेश सरकार ने विधानसभा में “मध्यप्रदेश स्वतंत्रता विधेयक, 2021” पेश किया है। इस विधेयक ने उस अध्यादेश का स्थान ले लिया है, जिसे सरकार ने किसी भी कपटपूर्ण माध्यम से धार्मिक धर्मांतरण को रोकने के लिए लाया था।

मुख्य बिंदु

नए विधेयक ने उस अध्यादेश का स्थान ले लिया है, जिसे सरकार ने दिसंबर 2020 में मंजूरी दे दी थी और जनवरी 2021 में प्रख्यापित किया था। इस विधेयक में कुछ मामलों में 10 साल के कारावास के प्रावधान और उल्लंघनकर्ताओं के लिए जुर्माना शामिल है। यह विधेयक गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा द्वारा प्रस्तुत किया गया था। अब इस विधेयक को विचारार्थ रखा जाएगा। सदस्य बिल में संशोधन का सुझाव दे सकते हैं।

पृष्ठभूमि

मध्य प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने 9 जनवरी 2021 को “मध्य प्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अध्यादेश, 2020” के लिए अपनी सहमति दी थी। इस अध्यादेश में धर्मांतरण के साधनों और विवाह के साथ धार्मिक धर्मांतरण पर रोक लगाने का प्रावधान शामिल था। अब तक, इस अध्यादेश के तहत 23 मामले दर्ज किए गए हैं।

इस प्रकार के अन्य बिल

इससे पहले, उत्तर प्रदेश सरकार ने एक धर्मांतरण विरोधी कानून पारित किया था।  इस कानून में भी जबरदस्ती धार्मिक धर्मांतरण के मामले में 10 साल तक की कैद का प्रावधान है।

Originally written on March 3, 2021 and last modified on March 3, 2021.

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