मध्य प्रदेश में कफ सिरप से बच्चों की मौत: डाइएथिलीन ग्लाइकोल की जहरीली सच्चाई

मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में एक दर्दनाक हादसे में कम से कम 14 बच्चों की मौत हो गई, जब उन्होंने कोल्ड्रिफ नामक कफ सिरप का सेवन किया। जांच में सामने आया कि इस सिरप में डाइएथिलीन ग्लाइकोल (DEG) नामक जहरीला रसायन खतरनाक मात्रा में मौजूद था। यह घटना न केवल चिकित्सा मानकों की भयावह अनदेखी को उजागर करती है, बल्कि देश में दवा नियमन की खामियों पर भी गंभीर सवाल खड़े करती है।
डाइएथिलीन ग्लाइकोल क्या है और यह कैसे विषैला होता है?
डाइएथिलीन ग्लाइकोल (DEG) एक रंगहीन, गंधहीन तरल होता है जो आमतौर पर औद्योगिक कार्यों जैसे एंटीफ्रीज, ब्रेक फ्लूइड, पेंट्स और प्लास्टिक निर्माण में इस्तेमाल किया जाता है। यह मानव शरीर के लिए अत्यंत विषैला है और विशेषकर किडनी, लिवर और तंत्रिका तंत्र को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है।
जब DEG का सेवन किया जाता है, तो यह शरीर में विषैले यौगिकों में बदल जाता है जो तीव्र किडनी फेल्योर, पेशाब बंद हो जाना (अनुरिया), उल्टी, पेट दर्द, सुस्ती और अंततः मृत्यु का कारण बन सकते हैं। यही प्रक्रिया छिंदवाड़ा के मासूम बच्चों की जान लेने का कारण बनी।
औषधि निर्माण में DEG की खतरनाक प्रवृत्ति
फार्मास्युटिकल सिरप आमतौर पर सक्रिय घटकों को घोलने के लिए ग्लिसरीन या प्रोपाइलीन ग्लाइकोल जैसे सुरक्षित सॉल्वेंट का उपयोग करते हैं। लेकिन कुछ निर्माताओं द्वारा लागत बचाने के लिए जानबूझकर DEG का प्रयोग किया जाता है, जो घातक होता है। कई बार, औद्योगिक-ग्रेड ग्लिसरीन या प्रोपाइलीन ग्लाइकोल में DEG की मिलावट हो जाती है, जिससे यह विषाक्त बन जाता है।
कोल्ड्रिफ सिरप, जिसे तमिलनाडु स्थित स्रेसन फार्मास्युटिकल्स ने निर्मित किया था, में DEG की मात्रा 46.28% पाई गई — जो अनुमत सीमा (0.1% से कम) से सैकड़ों गुना अधिक है। यह गंभीर लापरवाही और नियामक तंत्र की विफलता का स्पष्ट प्रमाण है।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- डाइएथिलीन ग्लाइकोल (DEG) और एथिलीन ग्लाइकोल दोनों ही औद्योगिक रसायन हैं जो मानव उपभोग के लिए असुरक्षित हैं।
- WHO के अनुसार, 2022 से अब तक 300 से अधिक बच्चों की मौत DEG और EG से दूषित कफ सिरप के सेवन से हो चुकी है।
- 1937 में अमेरिका में 105 लोगों की मौत DEG से दूषित सुल्फानिलामाइड दवा के कारण हुई थी — यह आधुनिक दवा नियमन की शुरुआत का कारण बना।
- 2022 में गाम्बिया में 70 बच्चों और 2008-09 में नाइजीरिया में 57 बच्चों की मौत भी DEG से दूषित सिरप के सेवन से हुई थी।