मध्य प्रदेश ने मॉब लिंचिंग पीड़ित मुआवजा योजना को मंज़ूरी दी

मध्य प्रदेश ने मॉब लिंचिंग पीड़ित मुआवजा योजना को मंज़ूरी दी

मध्य प्रदेश कैबिनेट ने मॉब लिंचिंग पीड़ित मुआवजा योजना (Mob Lynching Victim Compensation Scheme) को मंजूरी दे दी है, जिसका उद्देश्य भीड़ हिंसा के मामलों में पीड़ितों और उनके आश्रितों को मुआवजा और राहत प्रदान करना है। इस योजना का उद्देश्य उन पीड़ितों और उनके परिवारों को वित्तीय सहायता और सहायता प्रदान करना है, जिन्हें विभिन्न आधारों पर भीड़ की हिंसा के कारण नुकसान या चोट लगी है।

मुख्य बिंदु

इस योजना को मंजूरी देने का निर्णय जुलाई 2018 में जारी सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुपालन में लिया गया था, जिसमें राज्य सरकारों द्वारा लिंचिंग/भीड़ हिंसा पीड़ित मुआवजा योजना की स्थापना का आह्वान किया गया था। इस योजना के तहत घटना के 30 दिनों के भीतर पीड़ितों या उनके परिजनों को अंतरिम राहत भी प्रदान की जानी चाहिए।

मध्य प्रदेश में मॉब लिंचिंग पीड़ित मुआवजा योजना का उद्देश्य क्या है?

मध्य प्रदेश में मॉब लिंचिंग पीड़ित मुआवजा योजना का उद्देश्य भीड़ हिंसा के मामलों में पीड़ितों और उनके आश्रितों को मुआवजा और राहत प्रदान करना है। मॉब लिंचिंग की घटना में पीड़ित की मौत होने पर उनके परिवार को 10 लाख रुपये का मुआवजा मिलेगा। घायल पीड़ितों के लिए 4 से 6 लाख रुपये तक का मुआवजा दिया जाएगा। यह 2018 में जारी सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों की प्रतिक्रिया है, जिसमें भीड़ हिंसा को प्रभावी ढंग से संबोधित करने के लिए ऐसी मुआवजा योजनाएं बनाने के महत्व पर जोर दिया गया है।

मध्य प्रदेश में मॉब लिंचिंग पीड़ित मुआवजा योजना के तहत मुआवजा प्राप्त करने के मानदंड क्या हैं?

मध्य प्रदेश में मॉब लिंचिंग पीड़ित मुआवजा योजना पीड़ितों और उनके परिवारों को विशिष्ट मानदंडों के आधार पर मुआवजा प्रदान करती है। मुआवजा “भीड़ द्वारा किए गए किसी भी कृत्य या श्रृंखलाबद्ध हिंसा के कृत्यों, जिसमें पांच या अधिक व्यक्ति शामिल हों” के पीड़ितों को नुकसान या चोट पहुंचाने के लिए उपलब्ध है। मुआवजा प्राप्त करने के आधार में धर्म, जाति, लिंग, जन्म स्थान, भाषा, भोजन प्राथमिकताएं, यौन प्राथमिकताएं, राजनीतिक संबद्धता, जातीयता और बहुत कुछ जैसे कारक शामिल हैं।

Originally written on September 12, 2023 and last modified on September 12, 2023.

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