मध्यप्रदेश सरकार की नई पहल: कोदो-कुटकी की खरीदी से लेकर कोचिंग योजना तक अनेक फैसले

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मध्यप्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में राज्य के किसानों, युवाओं, पेंशनर्स और सूक्ष्म उद्योगों से जुड़े अनेक अहम निर्णय लिए गए। पहली बार कोदो और कुटकी की सरकारी खरीदी का ऐलान करते हुए सरकार ने मिलेट उत्पादकों को राहत दी है, वहीं अन्य योजनाएं भी व्यापक आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण की दिशा में निर्णायक मानी जा रही हैं।
कोदो और कुटकी की खरीदी: किसानों को सीधी राहत
रानी दुर्गावती श्री-अन्न प्रोत्साहन योजना के तहत सरकार ने जबलपुर, कटनी, मंडला, डिंडोरी, छिंदवाड़ा, शहडोल, अनूपपुर, उमरिया, रीवा, सीधी और सिंगरौली जिलों से कोदो और कुटकी की सरकारी खरीदी का निर्णय लिया है। आवश्यकता पड़ने पर अन्य जिलों को भी जोड़ा जाएगा।
- कुटकी समर्थन मूल्य: ₹3,500 प्रति क्विंटल
- कोदो समर्थन मूल्य: ₹2,500 प्रति क्विंटल
- प्रोत्साहन राशि: ₹1,000 प्रति क्विंटल (डीबीटी के माध्यम से)
- कुल लक्षित खरीदी: 30,000 मीट्रिक टन (खरीफ 2025 सीज़न)
- क्रियान्वयन एजेंसी: श्री अन्न फेडरेशन (किसान उत्पादक कंपनी)
- ऋण सहायता: ₹80 करोड़ ब्याज-मुक्त (राज्य मूल्य स्थिरीकरण निधि से)
भावांतर योजना: सोयाबीन किसानों को मूल्य सुरक्षा
कैबिनेट ने सोयाबीन के लिए भावांतर भुगतान योजना को मंजूरी दी है। यह योजना 24 अक्टूबर 2025 से 15 जनवरी 2026 तक लागू रहेगी।
- एमएसपी: ₹5,238 प्रति क्विंटल
- मॉडल रेट निर्धारण: पिछले 14 दिनों के राज्य मंडियों के औसत मूल्य पर आधारित
- डीबीटी के माध्यम से भुगतान: MSP और बाजार मूल्य के अंतर की भरपाई सीधे किसानों के खातों में
RAMP योजना: MSME सेक्टर को मिलेगा संबल
Raising and Accelerating MSME Performance (RAMP) योजना को सैद्धांतिक मंजूरी मिली है। यह योजना केंद्र सरकार के MSME मंत्रालय द्वारा चलाई जा रही है।
- कुल परियोजना लागत: ₹105.36 करोड़
- राज्यांश: ₹31.60 करोड़
पेंशनर्स के लिए महंगाई राहत में बढ़ोतरी
- सातवां वेतन आयोग: DR दर 53% से बढ़ाकर 55%
- छठा वेतन आयोग: DR दर 246% से बढ़ाकर 252%
- प्रभावी तिथि: 1 सितंबर 2025 (भुगतान अक्टूबर 2025 से)
सरदार पटेल कोचिंग योजना: युवाओं को निःशुल्क प्रशिक्षण
सरदार पटेल कोचिंग एवं प्रशिक्षण योजना, 2021 में नए प्रावधानों को जोड़ा गया है।
- लाभार्थी: पिछड़े वर्ग और अल्पसंख्यक समुदायों के 5,000 युवा
- लक्ष्य वर्ष: 2025–26 और 2026–27
- सुविधा: निःशुल्क पूर्व-प्रतियोगी परीक्षा कोचिंग
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- कोदो और कुटकी जैसे मोटे अनाज पारंपरिक फसलें हैं, जो वर्षा आधारित क्षेत्रों में कम संसाधनों में उगाई जाती हैं।
- मध्यप्रदेश भारत में मोटे अनाज (श्री-अन्न) उत्पादन में अग्रणी राज्य बनकर उभर रहा है।
- भावांतर योजना की शुरुआत 2017 में मध्यप्रदेश से हुई थी और इसे कई राज्यों ने अपनाया है।
- RAMP योजना का उद्देश्य MSME सेक्टर की दक्षता, नवाचार और वैश्विक प्रतिस्पर्धा बढ़ाना है।
इन फैसलों से यह स्पष्ट है कि राज्य सरकार किसानों की आय में वृद्धि, युवा सशक्तिकरण, सामाजिक न्याय और आर्थिक स्थायित्व के लिए ठोस कदम उठा रही है। आने वाले वर्षों में इन योजनाओं का समुचित क्रियान्वयन राज्य को आत्मनिर्भरता और सतत विकास की दिशा में अग्रसर करेगा।