मणिपुर में शुरू हुआ 14वां सिराराखोंग हथई मिर्च महोत्सव: स्थानीय स्वाद और संस्कृति का उत्सव

मणिपुर के उखरुल ज़िले के सिराराखोंग गांव में आज 14 दिवसीय 14वां सिराराखोंग हथई मिर्च महोत्सव का शुभारंभ हुआ। यह उत्सव विशिष्ट GI-टैग प्राप्त हथई मिर्च को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित किया गया है, जो अपने अनोखे स्वाद और सुगंध के कारण देशभर में प्रसिद्ध है। यह मिर्च केवल सिराराखोंग गांव में उगाई जाती है और मणिपुर की सांस्कृतिक पहचान का हिस्सा बन चुकी है।
परंपरा और कृषि का अद्भुत संगम
महोत्सव के उद्घाटन दिवस पर विविध कार्यक्रमों की श्रृंखला आयोजित की गई, जिनमें झंडोत्तोलन समारोह, रंग-बिरंगे सांस्कृतिक प्रदर्शन और पारंपरिक संगीत ने लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इन प्रस्तुतियों ने मणिपुर की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को दर्शाया और स्थानीय समुदाय की सहभागिता को रेखांकित किया।
आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में प्रयास
उत्सव के दौरान Buyer-Seller Meet का भी आयोजन किया गया, जिसका उद्देश्य स्थानीय किसानों और बाहरी खरीदारों के बीच संपर्क स्थापित करना था। यह पहल न केवल हथई मिर्च की बाजार पहुंच बढ़ाने में सहायक होगी, बल्कि किसानों को बेहतर मूल्य प्राप्त कराने की दिशा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
साथ ही, देशव्यापी पहल ‘एक पेड़ मां के नाम’ के तहत वृक्षारोपण अभियान भी आयोजित किया गया, जिससे पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाने का प्रयास किया गया।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- सिराराखोंग हथई मिर्च को 2022 में GI टैग प्राप्त हुआ था, जिससे इसकी विशिष्टता और क्षेत्रीय पहचान को कानूनी मान्यता मिली।
- GI टैग (Geographical Indication) किसी उत्पाद को उसके भौगोलिक स्रोत से जोड़ता है और उसकी गुणवत्ता और प्रामाणिकता को दर्शाता है।
- ‘एक पेड़ मां के नाम’ एक राष्ट्रीय अभियान है, जिसका उद्देश्य वृक्षारोपण के माध्यम से पर्यावरण और मातृत्व के प्रतीकों को जोड़ना है।
- उखरुल जिला मणिपुर के पूर्वोत्तर भाग में स्थित है और यहाँ की जलवायु कृषि और विशेषकर मिर्च उत्पादन के लिए अनुकूल मानी जाती है।