मणिपुर में ‘मेरा हाउ चोंगबा’ उत्सव का भव्य आयोजन, सांस्कृतिक एकता और शांति का संदेश

मणिपुर की सांस्कृतिक विविधता और एकता को समर्पित वार्षिक उत्सव ‘मेरा हाउ चोंगबा’ का आयोजन इस वर्ष इम्फाल स्थित ऐतिहासिक कांगला किले में पारंपरिक भव्यता के साथ हुआ। यह उत्सव राज्य के पर्वतीय और मैदानी इलाकों के लोगों के बीच सौहार्द और सांस्कृतिक मेल को बढ़ावा देने के लिए जाना जाता है।
पारंपरिक शोभायात्रा से शुरू हुआ आयोजन
इस उत्सव की शुरुआत रॉयल पैलेस से कांगला फोर्ट तक की एक पारंपरिक शोभायात्रा से हुई, जिसका नेतृत्व मणिपुर के प्रतीकात्मक राजा और राज्यसभा सांसद लीशेम्बा सनाजाओबा ने किया। इस यात्रा में पारंपरिक वेशभूषा में रंगारंग नृत्य और संगीत प्रस्तुतियाँ शामिल थीं, जो मणिपुर की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को जीवंत करती हैं।
सांस्कृतिक विविधता का उत्सव
‘मेरा हाउ चोंगबा’ पर्व मणिपुर की विभिन्न जनजातियों और समुदायों को एक मंच पर लाता है, जिससे यह केवल एक सांस्कृतिक उत्सव नहीं बल्कि सामाजिक मेलमिलाप और शांति का प्रतीक बन जाता है। पर्वतीय और मैदानी समुदायों के बीच भाईचारे की भावना को पुनः स्थापित करने के लिए यह उत्सव विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, विशेषकर राज्य में हाल ही में हुए सामाजिक तनावों के परिप्रेक्ष्य में।
खाराम समुदाय के रोमियो खाराम ने कहा, “यह ‘मेरा हाउ चोंगबा’ बहुत सुंदर और महत्वपूर्ण उत्सव है। मुझे यह बहुत पसंद है। मुझे लगता है कि इस उत्सव के माध्यम से हम पर्वतीय और मैदानी लोगों के बीच टूटी हुई रिश्तेदारी को फिर से जोड़ सकते हैं, ताकि हम शांति और एकता के साथ रह सकें।”
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- ‘मेरा हाउ चोंगबा’ मणिपुर का पारंपरिक त्योहार है, जो हर वर्ष मणिपुरी पंचांग के ‘मेरा’ महीने में मनाया जाता है।
- यह उत्सव मणिपुर की विभिन्न जनजातियों और समुदायों — जैसे मीताई, कुकी, नागा, पाईते, थाडो आदि — के सांस्कृतिक मिलन का प्रतीक है।
- कांगला फोर्ट, जहां उत्सव आयोजित होता है, मणिपुर का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक केंद्र माना जाता है।
- मणिपुर के प्रतीकात्मक राजा लीशेम्बा सनाजाओबा वर्तमान में राज्यसभा के सदस्य भी हैं।