मणिपुर में मिली ताज़ा पानी की नई मछली प्रजाति: Garra nambashiensis

मणिपुर में मिली ताज़ा पानी की नई मछली प्रजाति: Garra nambashiensis

भारत के मणिपुर राज्य में वैज्ञानिकों ने ताज़ा पानी की एक नई मछली प्रजाति की खोज की है, जिसका नाम Garra nambashiensis रखा गया है। यह खोज प्रतिष्ठित वैज्ञानिक पत्रिका Zootaxa में प्रकाशित हुई है और यह पूर्वोत्तर भारत की जैव विविधता में एक महत्वपूर्ण योगदान है। यह मछली मणिपुर के कामजोंग जिले में स्थित नामबाशी घाटी के पास तारेटलोक नदी में पाई गई है, जो चिंदविन नदी की एक उपनदी है।

अनुसंधान टीम और खोज की पृष्ठभूमि

इस अध्ययन का नेतृत्व धनमंजुरी विश्वविद्यालय (डीएमयू), इंफाल के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. बांगदोन शांगनिंगम ने किया। उनके साथ शोध में कोनब्राइलात्पम बेबी रानी देवी, थोनबमलिउ अबोनमई और ख. राजमणि सिंह भी शामिल थे। इस टीम ने मार्च में अपनी शोध रिपोर्ट प्रस्तुत की थी, जिसमें इस नई प्रजाति की वैज्ञानिक पहचान की गई।

Garra nambashiensis की विशिष्ट विशेषताएं

यह मछली लेबियोनाइन (Labeonine) परिवार से संबंधित है और इसकी कुछ अनोखी विशेषताएं हैं जो इसे अन्य प्रजातियों से अलग बनाती हैं। इसका प्रॉबोसीस चौकोर (quadrate-shaped) होता है और अग्र-पार्श्वीय किनारों (anterolateral margins) पर 7 से 8 ऐकैंथॉयड ट्यूबरकल्स होते हैं। इसके ऑपर्कल (गिल के ढक्कन) पर काले धब्बे होते हैं, पीठ की पर (dorsal fin) पर 8 से 11 स्केल्स होते हैं और इसकी पूंछ तक छह काले पट्टियाँ जाती हैं।
यह प्रजाति आमतौर पर 90 से 140 मिलीमीटर (9 से 14 सेंटीमीटर) लंबी होती है और स्थानीय लोग इसे “नुतुंगनू” के नाम से जानते हैं। यह मछली तेज़ बहाव वाले पानी में, जहां नदी का तल काई से ढके कंकड़-पत्थरों और मोटे रेत-सिल्ट के मिश्रण से बना हो, पाई जाती है।

पूर्वोत्तर भारत में Garra प्रजातियों की विविधता

पूर्वोत्तर भारत में Garra जीनस की प्रजातियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। अभी तक इस क्षेत्र की नदियों—चिंदविन, ब्रह्मपुत्र, बराक और कालादान—में Garra की लगभग 60 प्रजातियां दर्ज की जा चुकी हैं। इनमें से 32 प्रजातियां “प्रोबोस्किस स्पीशीज ग्रुप” में आती हैं, जिसमें अब Garra nambashiensis का नाम भी शामिल हो गया है।
इससे पहले डॉ. शांगनिंगम ने 2018 में उखरूल जिले की चाल्लौ नदी से Pethia poiensis नामक एक और मछली की खोज की थी, जिसे स्थानीय रूप से “नगखा माचा” कहा जाता है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • Garra जीनस की मछलियाँ अक्सर तेज़ बहाव वाले जल स्रोतों में पाई जाती हैं और इनकी संरचना जलधारा से चिपकने के लिए अनुकूलित होती है।
  • “प्रोबोस्किस स्पीशीज ग्रुप” में आने वाली Garra मछलियों की पहचान उनके नाक जैसे उपांग (proboscis) से होती है।
  • चिंदविन नदी प्रणाली भारत-म्यांमार सीमा के पास स्थित है और इसकी कई उपनदियाँ जैव विविधता से भरपूर हैं।
  • Zootaxa पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन वैश्विक स्तर पर स्वीकृत टैक्सोनॉमिक (प्रजाति वर्गीकरण) शोध का हिस्सा होता है।
Originally written on September 16, 2025 and last modified on September 16, 2025.

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