मणिपुर इंटरनेशनल पोलो टूर्नामेंट में इंडिया बी (मणिपुर) की शानदार जीत
इम्फाल के ऐतिहासिक पोलो मैदान में आयोजित 15वें मणिपुर पोलो इंटरनेशनल टूर्नामेंट का समापन इंडिया बी (मणिपुर) की रोमांचक 8–5 की जीत के साथ हुआ। यह चैम्पियनशिप संगाई महोत्सव 2025 का प्रमुख आकर्षण रही, जिसने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय दर्शकों को बड़ी संख्या में अपनी ओर खींचा। पूरे सप्ताह चले इस टूर्नामेंट ने मणिपुर की घुड़सवारी और पोलो परंपरा की प्रतिष्ठा को और मजबूत किया।
मैपाल कंग्जेइबुंग में रोमांचक फाइनल
फाइनल मुकाबला मैपाल कंग्जेइबुंग में खेला गया, जिसे दुनिया के सबसे प्राचीन पोलो मैदानों में गिना जाता है। ऐतिहासिक परिवेश में खेला गया यह मैच गति, कौशल और समन्वय का उत्कृष्ट प्रदर्शन था, जहाँ मेज़बान टीम इंडिया बी ने कोलम्बिया पर निर्णायक बढ़त बनाई। 22 से 29 नवंबर तक चले टूर्नामेंट के इस अंतिम मुकाबले ने एक बार फिर साबित किया कि मणिपुर आधुनिक पोलो का वास्तविक केंद्र है।
राज्यपाल की उपस्थिति में समापन समारोह
मणिपुर के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला और ज्योति ग्रोवर भल्ला ने फाइनल मैच में उपस्थिति दर्ज कराते हुए शुरुआत का औपचारिक थ्रो-इन किया। समापन समारोह में राज्यपाल ने टूर्नामेंट का आधिकारिक स्मृति-चिह्न भी जारी किया। उनकी उपस्थिति ने प्रतियोगिता के सांस्कृतिक और खेल महत्व को और भी प्रमुखता प्रदान की।
अंतरराष्ट्रीय भागीदारी से बढ़ी प्रतिस्पर्धा
विदेशी टीमों की भागीदारी ने प्रतियोगिता के स्तर को ऊँचा किया और मणिपुर की पहचान—आधुनिक पोलो के जन्मस्थान—को और पुख्ता किया। पूरे सप्ताह दर्शकों ने तेज-तर्रार और रोमांचक मैचों का आनंद लिया। फाइनल मुकाबले में भारी भीड़ उमड़ी, जहाँ मणिपुर पोनी सोसाइटी के पदाधिकारी और अन्य सम्मानित अतिथि भी शामिल थे।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- मैपाल कंग्जेइबुंग दुनिया के सबसे पुराने पोलो मैदानों में शामिल है।
- मणिपुर को आधुनिक पोलो का उद्गम स्थल माना जाता है, जहाँ इसे सगोल कंग्जेइ कहा जाता है।
- मणिपुर पोलो इंटरनेशनल टूर्नामेंट संगाई महोत्सव का प्रमुख आकर्षण है।
- विजेताओं और उपविजेताओं को क्रमशः 2 लाख और 1.5 लाख रुपये की पुरस्कार राशि दी गई।
पुरस्कार वितरण और प्रतियोगिता का समापन
राज्यपाल ने विजेता और उपविजेता टीमों को पदक और पुरस्कार राशि प्रदान की और औपचारिक रूप से टूर्नामेंट के समापन की घोषणा की। इंडिया बी (मणिपुर) के विजेता बनने के साथ ही इस प्रतिष्ठित आयोजन ने न केवल राज्य की घुड़सवारी विरासत को नई पहचान दी, बल्कि संगाई महोत्सव की उत्सवधर्मिता को भी नई गति प्रदान की।
यह अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट मणिपुर की खेल परंपरा की जीवंतता और वैश्विक पहचान को सुदृढ़ करने वाला एक महत्वपूर्ण आयोजन साबित हुआ।