भोपाल और विदिशा में दीपावली पर ‘कार्बाइड गन’ से 100 से अधिक बच्चे घायल: प्रशासन पर उठे सवाल

भोपाल और विदिशा में दीपावली पर ‘कार्बाइड गन’ से 100 से अधिक बच्चे घायल: प्रशासन पर उठे सवाल

मध्य प्रदेश के भोपाल और विदिशा जिलों में इस दीपावली के अवसर पर बच्चों द्वारा प्रयोग की गई ‘कार्बाइड गन’ ने त्योहार की खुशियों को दर्द में बदल दिया। 8 से 14 वर्ष की आयु के 100 से अधिक बच्चों को इन देसी गन से हुए विस्फोटों के कारण गंभीर चोटें आईं और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।

क्या है कार्बाइड गन और कैसे करती है नुकसान?

यह गन एक अस्थायी विस्फोटक यंत्र है जिसे गैस लाइटर, प्लास्टिक पाइप और कैल्शियम कार्बाइड से मिलाकर बनाया जाता है। जब कैल्शियम कार्बाइड पानी के संपर्क में आता है तो वह एसिटिलीन गैस उत्पन्न करता है जो चिंगारी लगते ही विस्फोट करती है। इस विस्फोट में प्लास्टिक के टुकड़े पाइप से बाहर निकलते हैं, जो शरीर में घुसकर शरापनेल जैसी चोट पहुंचाते हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार, इन गनों से सबसे अधिक नुकसान आंखों, चेहरे और त्वचा को होता है। भोपाल के सीएमएचओ डॉ. मनीष शर्मा ने कहा कि कार्बाइड गन से घायल हुए 60 लोग अभी राजधानी के विभिन्न सरकारी अस्पतालों में इलाजरत हैं।

अस्पतालों में घायलों का इलाज, बच्चों की आंखों की रोशनी खतरे में

भोपाल के हमीदिया अस्पताल, जेपी अस्पताल, सेवा सदन और एम्स में घायलों का इलाज किया जा रहा है। इनमें से कुछ बच्चों की आंखों की रोशनी चली गई है, जबकि कुछ को चेहरे पर गंभीर जलन और कटने की चोटें आई हैं। एम्स में भर्ती 12 वर्षीय एक बच्चे की दृष्टि लौटाने के लिए डॉक्टरों की टीम प्रयासरत है।
हमीदिया अस्पताल में भर्ती 14 वर्षीय हेमंत पंथी और 15 वर्षीय आरिस के परिजनों ने प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है और इन गनों की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध की मांग की है।

प्रशासन की कार्रवाई और लापरवाही

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने 18 अक्टूबर को अधिकारियों को कार्बाइड गन की बिक्री पर रोक लगाने के निर्देश दिए थे। इसके बावजूद, इन गनों की बाजारों में खुलेआम बिक्री होती रही और दीपावली के दिन भोपाल में 150 से अधिक घायल बच्चों के मामले सामने आए।
सीएमएचओ डॉ. शर्मा ने कहा कि प्रशासन उन लोगों के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रहा है जो इन गनों का निर्माण और बिक्री करते हैं। लेकिन यह स्पष्ट है कि जागरूकता और निगरानी की कमी ने इस समस्या को बढ़ावा दिया।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • कार्बाइड गन में प्रयुक्त कैल्शियम कार्बाइड पानी के संपर्क में आने पर एसिटिलीन गैस बनाता है जो विस्फोटक होती है।
  • यह देसी गन प्लास्टिक पाइप, गैस लाइटर और कैल्शियम कार्बाइड से तैयार की जाती है।
  • भोपाल और विदिशा में 100 से अधिक बच्चे इस गन के कारण घायल हुए हैं, जिनमें से कुछ की आंखों की रोशनी चली गई है।
  • मुख्यमंत्री ने पहले ही इसकी बिक्री पर रोक के निर्देश दिए थे, फिर भी यह बाजार में बिकती रही।

दीपावली जैसे पर्व पर इस तरह की घटनाएं समाज और प्रशासन दोनों के लिए चेतावनी हैं। बच्चों की सुरक्षा केवल परिवार की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि शासन, समाज और शिक्षा तंत्र की भी है।

Originally written on October 25, 2025 and last modified on October 25, 2025.

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