भूटान यात्रा में ऊर्जा सहयोग को नई ऊँचाई पर ले गए प्रधानमंत्री मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भूटान यात्रा ने भारत और भूटान के बीच ऊर्जा सहयोग को एक नई दिशा दी है। इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री ने 455 मिलियन डॉलर की लाइन ऑफ क्रेडिट की घोषणा की और भारत की वित्तीय सहायता से निर्मित पुनात्सांगछू-द्वितीय (Punatsangchhu-II) जलविद्युत परियोजना का उद्घाटन किया। यह यात्रा न केवल दोनों देशों के आर्थिक संबंधों को सशक्त बनाती है, बल्कि हिमालयी क्षेत्र में सतत विकास और रणनीतिक साझेदारी को भी नया आयाम देती है।
ऊर्जा सहयोग का विस्तार
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा उद्घाटित 1,020 मेगावाट क्षमता वाली पुनात्सांगछू-द्वितीय परियोजना भारत–भूटान ऊर्जा सहयोग का एक ऐतिहासिक पड़ाव है। भारतीय तकनीकी और वित्तीय सहयोग से बनी यह परियोजना भूटान की जलविद्युत उत्पादन क्षमता में लगभग 40 प्रतिशत की वृद्धि करेगी। इसके माध्यम से भूटान भारत को स्वच्छ ऊर्जा का एक प्रमुख निर्यातक बनेगा, जिससे दोनों देशों के बीच “Neighbourhood First” नीति के तहत क्षेत्रीय ऊर्जा एकीकरण को मजबूती मिलेगी।
रणनीतिक और कूटनीतिक महत्व
यह दौरा ऐसे समय हुआ है जब चीन भूटान में अपने कूटनीतिक प्रभाव को बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। ऐसे परिदृश्य में भारत का यह सशक्त कदम भूटान के साथ अपनी दीर्घकालिक साझेदारी और विकास सहयोग को फिर से पुष्ट करता है। प्रधानमंत्री मोदी ने थिम्फू में आयोजित जनसभा में भारत–भूटान संबंधों को “विश्वास और विकास का आदर्श मॉडल” बताया। उन्होंने कहा कि दोनों देश पर्यावरण संरक्षण, सतत विकास और क्षेत्रीय सुरक्षा के साझा लक्ष्यों के प्रति एकजुट हैं।
वित्तीय सहयोग और विकास केंद्रित दृष्टि
प्रधानमंत्री द्वारा घोषित 455 मिलियन डॉलर की लाइन ऑफ क्रेडिट भूटान में बुनियादी ढांचा, अक्षय ऊर्जा और कनेक्टिविटी परियोजनाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करेगी। यह पहल भूटान की हरित विकास नीति और आर्थिक आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को बल देती है। भारत वर्षों से भूटान में जलविद्युत संयंत्रों के निर्माण में मदद करता रहा है, जिनसे प्राप्त बिजली भारतीय राज्यों को आपूर्ति की जाती है। इससे दोनों देशों के बीच आर्थिक परस्पर निर्भरता और क्षेत्रीय स्थिरता को प्रोत्साहन मिला है।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 नवंबर 2025 को भूटान को 455 मिलियन डॉलर की लाइन ऑफ क्रेडिट की घोषणा की।
- उद्घाटन की गई परियोजना: पुनात्सांगछू-द्वितीय जलविद्युत परियोजना (1,020 मेगावाट)।
- इस परियोजना से भूटान की जलविद्युत क्षमता में लगभग 40% की वृद्धि होगी।
- भारत–भूटान साझेदारी “Neighbourhood First” नीति के अनुरूप है।
साझा भविष्य और सतत विकास की दिशा
ऊर्जा सहयोग से परे, यह यात्रा भारत और भूटान की गहरी मित्रता का प्रतीक है, जो आपसी विश्वास और साझा विकास लक्ष्यों पर आधारित है। दोनों देश हरित ऊर्जा और पर्यावरणीय संतुलन पर निवेश कर क्षेत्रीय समृद्धि और जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का सामना मिलकर करने की दिशा में अग्रसर हैं।