भारत में स्वदेशी AI प्रणाली की नींव: IIT बॉम्बे में ‘भारतजेन टेक्नोलॉजी फाउंडेशन’ की स्थापना
भारत ने अपने स्वयं के संप्रभु कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। IIT बॉम्बे के पवई परिसर में स्थापित ‘भारतजेन टेक्नोलॉजी फाउंडेशन’ का उद्देश्य एक ऐसा लार्ज लैंग्वेज मॉडल (LLM) विकसित करना है जो भारत की बहुभाषी और बहुसांस्कृतिक विविधता को सटीक रूप से प्रतिबिंबित करे। यह मॉडल न केवल भाषाई विविधता को समेटेगा, बल्कि देश के अलग-अलग लहजों, लिपियों और संवाद शैलियों को भी समझने में सक्षम होगा।
IIT बॉम्बे में भारतजेन की स्थापना
भारतजेन टेक्नोलॉजी फाउंडेशन को 7 नवंबर 2025 को IIT बॉम्बे के पवई परिसर में पंजीकृत किया गया। यह पहल IIT बॉम्बे की अकादमिक भूमिका को राष्ट्रीय स्तर की AI प्रौद्योगिकी के निर्माण तक विस्तार देती है। इसका उद्देश्य 22 से अधिक भारतीय भाषाओं में पाठ और वाणी के माध्यम से संवाद स्थापित करने में सक्षम स्वदेशी भाषा मॉडल तैयार करना है।
सरकारी सहयोग और वित्तीय सहायता
इस महत्वाकांक्षी परियोजना को केंद्र सरकार का भरपूर समर्थन प्राप्त हुआ है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST) ने ₹235 करोड़ की सहायता प्रदान की है, जबकि इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने ‘इंडियाAI मिशन’ के तहत ₹1,058 करोड़ का बजट आवंटित किया है। यह वित्तपोषण अनुसंधान से व्यावसायिक अनुप्रयोगों तक AI प्रौद्योगिकी को तेज़ी से पहुँचाने के लिए किया गया है।
शैक्षणिक सहयोग और मॉडल का व्यावसायिक उपयोग
भारतजेन एक सहयोगी मंच पर कार्य कर रहा है, जिसमें प्रमुख IITs और IIITs शामिल हैं। फाउंडेशन का उद्देश्य ऐसे “लाइटवेट डिस्टिल्ड वर्ज़न” तैयार करना है, जिन्हें स्टार्टअप, शोधकर्ता और उद्योग जगत सीमित संसाधनों के साथ भी उपयोग कर सकें। इस रणनीति से नवाचार की बाधाएँ घटेंगी और AI का व्यापक लोकतांत्रिक उपयोग संभव होगा।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- भारतजेन टेक्नोलॉजी फाउंडेशन 7 नवंबर 2025 को पंजीकृत हुआ।
- इसका मुख्यालय IIT बॉम्बे के पवई परिसर में स्थित है।
- विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग से ₹235 करोड़ और MeitY से ₹1,058 करोड़ की सहायता प्राप्त हुई है।
- यह परियोजना 22 से अधिक भारतीय भाषाओं को लक्षित कर AI विकास कर रही है।
भारत की संप्रभु AI प्रणाली की परिकल्पना
इस पहल का दीर्घकालिक लक्ष्य भारत की भाषाई और सांस्कृतिक विविधता के अनुरूप भाषा तकनीक आधारित एक मजबूत AI अवसंरचना विकसित करना है। यह मंच ऐसे स्केलेबल उपकरण प्रदान करेगा, जिनके माध्यम से भारतीय डेवलपर्स और उद्यमी देशज आवश्यकताओं के अनुरूप AI आधारित अनुप्रयोग तैयार कर सकें।
भारतजेन का यह कदम भारत को वैश्विक AI परिदृश्य में आत्मनिर्भर और अग्रणी राष्ट्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में मील का पत्थर बन सकता है।