भारत में सौर ऊर्जा क्रांति के लिए भवन-समेकित फोटोवोल्टिक (BIPV) तकनीक की बढ़ती आवश्यकता

भारत में रूफटॉप सोलर (RTS) प्रणाली ने 17 गीगावॉट से अधिक की स्थापित क्षमता के साथ अक्षय ऊर्जा संक्रमण में उल्लेखनीय योगदान देना शुरू कर दिया है, विशेषकर शहरी क्षेत्रों में। लेकिन घनी आबादी वाले शहरों में छायारहित छतों की सीमित उपलब्धता इसकी वृद्धि में बाधा बन रही है। ऐसे में Building-Integrated Photovoltaics (BIPV) एक नवीन और प्रभावी समाधान के रूप में उभर रहा है।

क्या है BIPV तकनीक?

BIPV एक ऐसी तकनीक है जो इमारत की वास्तुकला में ही सौर पैनलों को समाहित कर देती है। यह न केवल बिजली उत्पन्न करता है, बल्कि इमारत की संरचनात्मक सामग्री का हिस्सा भी होता है। इसके अंतर्गत पैनल्स को फसाड (मुख्य बाहरी भाग), छत, खिड़कियाँ, रेलिंग, बालकनी, और अन्य हिस्सों में सजाया जा सकता है। इससे अतिरिक्त जगह की आवश्यकता नहीं होती और इमारत की बनावट भी प्रभावित नहीं होती।

BIPV को कैसे अपनाया जा सकता है?

  • फसाड्स पर BIPV: अर्धपारदर्शी पैनल्स को क्लैडिंग या पर्दे के रूप में लगाकर बिजली उत्पादन के साथ-साथ गर्मी के प्रवेश को भी कम किया जा सकता है।
  • छतों पर BIPV: पारंपरिक छत सामग्री को सौर पैनलों से बदला जा सकता है।
  • खिड़कियाँ और स्काईलाइट्स: पारदर्शी या अर्धपारदर्शी सौर पैनलों से रोशनी भी मिलेगी और ऊर्जा भी उत्पन्न होगी।
  • बालकनियाँ और शेड्स: विशेष रूप से उन घरों में उपयोगी जहाँ छत की पहुँच नहीं होती।

भारत में BIPV की प्रासंगिकता

2016 की शहरी सांख्यिकी रिपोर्ट के अनुसार, 2051 तक भारत की शहरी जनसंख्या 85 करोड़ तक पहुँच सकती है। ऐसे में ऊँची इमारतों में RTS प्रणाली सीमित क्षमता ही दे सकती है। उदाहरणतः, एक 16 मंजिला इमारत जिसकी छत 4,000 वर्गफुट और फसाड क्षेत्र 15,000 वर्गफुट है, वहाँ RTS केवल 40 किलोवॉट पीक (kWp) बिजली दे सकता है, जबकि सिर्फ दक्षिण दिशा की दीवार पर BIPV 150 kWp दे सकता है।

भारत में BIPV की वर्तमान स्थिति

भारत में कुछ उल्लेखनीय BIPV परियोजनाएँ पहले ही स्थापित हो चुकी हैं:

  • CtrlS डाटासेंटर, नवी मुंबई: 863-kWp BIPV फसाड।
  • नवीन नवीकरणीय ऊर्जा संग्रहालय, कोलकाता: सौर पैनलों से युक्त गुंबद।
  • जिंदल स्टील एंड पावर, ओडिशा: सबसे बड़ी BIPV इंस्टॉलेशन में से एक।
  • रेलवे स्टेशन: विजयवाड़ा और साहिबाबाद में भी BIPV प्रयोग हो रहा है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • PM सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना: 2024 की गाइडलाइनों में BIPV को भी शामिल किया गया है।
  • RTS के लिए सब्सिडी: BIPV को भी 3 किलोवॉट तक ₹78,000 तक की सब्सिडी दी जाती है।
  • BIPV क्षमता: भारत की मौजूदा इमारतों की क्षमता लगभग 309 GW आंकी गई है।
  • अंतरराष्ट्रीय उदाहरण: सियोल (दक्षिण कोरिया) BIPV पर 80% तक सब्सिडी देता है।

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