भारत में वाहन उत्सर्जन नियमों में बड़ा बदलाव: प्रस्तावित CAFE-3 मानक

भारत सरकार ने अपने प्रमुख वाहन उत्सर्जन नियमों—कॉरपोरेट एवरेज फ्यूल एफिशिएंसी (CAFE) मानकों—में बड़े सुधार का प्रस्ताव रखा है। ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (BEE) द्वारा सार्वजनिक परामर्श के लिए जारी मसौदे में CAFE-3 मानक प्रस्तुत किए गए हैं, जो छोटे और हल्के वाहनों को उत्सर्जन छूट देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माने जा रहे हैं। यह बदलाव उन वाहन निर्माताओं के लिए राहत साबित होगा जो लंबे समय से इस प्रकार की छूट की मांग कर रहे थे।

CAFE-3 मानकों के मुख्य प्रावधान

नए नियम M1 श्रेणी के वाहनों पर लागू होंगे, जिनमें चालक सहित नौ सीटों तक की क्षमता और अधिकतम 3,500 किलोग्राम वजन वाले यात्री वाहन आते हैं। प्रस्तावित फार्मूले के अनुसार वाहन की ईंधन दक्षता को वजन के आधार पर आंका जाएगा, और समय के साथ नियम सख्त होते जाएंगे। उदाहरण के लिए, वित्तीय वर्ष 2028 में यदि किसी कंपनी के वाहनों का औसत वजन 1,500 किलोग्राम है, तो उसका दक्षता लक्ष्य 4.386 लीटर प्रति 100 किमी होगा। वहीं हल्के वाहनों वाली कंपनियों को अपेक्षाकृत सरल लक्ष्य मिलेगा।

छोटे वाहनों के लिए विशेष राहत

CAFE-3 मसौदा छोटे वाहनों को अतिरिक्त छूट देने का प्रावधान करता है। 909 किलोग्राम तक भार, 1200 सीसी तक इंजन क्षमता और 4000 मिमी से कम लंबाई वाले वाहनों को 3.0 ग्राम CO₂/किमी तक की अतिरिक्त राहत मिलेगी। इसका उद्देश्य छोटे हैचबैक वाहनों के बाजार को पुनर्जीवित करना है, जिसकी बिक्री पिछले छह वर्षों में 71% तक घट चुकी है। साथ ही, सरकार ने जीएसटी 2.0 सुधारों के तहत छोटे वाहनों पर कर दर 28% से घटाकर 18% कर दी है।

इलेक्ट्रिक और वैकल्पिक ईंधन वाहनों के लिए प्रोत्साहन

नए मानकों में इलेक्ट्रिक वाहनों को विशेष महत्व दिया गया है। प्रत्येक ईवी की बिक्री को औसत उत्सर्जन गणना में तीन गुना माना जाएगा। प्लग-इन हाइब्रिड को 2.5 गुना, स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड को दो गुना और फ्लेक्स-फ्यूल वाहनों को 1.5 गुना गिना जाएगा। इसके अलावा कार्बन न्यूट्रैलिटी फैक्टर (CNF) के तहत पेट्रोल, सीएनजी, एथेनॉल और हाइब्रिड वाहनों के लिए भी विशेष छूट दी जाएगी।

उत्सर्जन पूलिंग की व्यवस्था

CAFE-3 का एक नया प्रावधान एमिशन पूलिंग है, जिसके अंतर्गत तीन तक वाहन निर्माता मिलकर उत्सर्जन लक्ष्यों को पूरा कर सकते हैं। इसे एक संयुक्त निर्माता माना जाएगा और नियुक्त पूल मैनेजर पर कानूनी जवाबदेही होगी। यह व्यवस्था कंपनियों के लिए लागत घटाने और साझेदारी के नए अवसर खोल सकती है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • CAFE मानक 2017 में ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (BEE) द्वारा लागू किए गए थे।
  • CAFE का पूरा नाम है Corporate Average Fuel Efficiency।
  • इन नियमों के तहत 2022-23 में कार कंपनियों को 4.78 लीटर/100 किमी ईंधन खपत और 113 ग्राम/किमी CO₂ उत्सर्जन की सीमा पूरी करनी थी।
  • अमेरिका, यूरोपीय संघ, चीन और जापान जैसे देशों में भी छोटे वाहनों को उत्सर्जन में छूट दी जाती है।

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