भारत में रेयर अर्थ मैग्नेट निर्माण योजना का ₹7,000 करोड़ तक विस्तार
भारत सरकार ने रेयर अर्थ मैग्नेट निर्माण के लिए प्रोत्साहन योजना को ₹7,000 करोड़ (लगभग $788 मिलियन) तक विस्तारित करने का निर्णय लिया है, जो पहले आवंटित राशि की लगभग तीन गुना वृद्धि है। यह पहल इलेक्ट्रिक वाहनों, नवीकरणीय ऊर्जा और रक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों के लिए आवश्यक खनिजों की आपूर्ति सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इस योजना का उद्देश्य चीन पर निर्भरता को कम करना है, जो वर्तमान में इस क्षेत्र की वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला पर हावी है।
वैश्विक आपूर्ति संकट पर भारत की रणनीतिक प्रतिक्रिया
चीन और अमेरिका के बीच व्यापार तनाव के चलते अप्रैल में चीन ने रेयर अर्थ मैग्नेट के निर्यात पर नियंत्रण कड़ा कर दिया, जिससे वैश्विक आपूर्ति प्रभावित हुई। भारत की यह योजना अमेरिका, जापान और यूरोप जैसे देशों की तरह वैकल्पिक आपूर्ति स्रोतों के निर्माण के प्रयासों के अनुरूप है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट रूप से कहा है कि महत्वपूर्ण खनिजों को “हथियार” नहीं बनाया जाना चाहिए और इसके लिए विविध तथा स्थिर आपूर्ति श्रृंखलाएं आवश्यक हैं।
योजना की संरचना और उद्देश्य
संशोधित प्रस्ताव वर्तमान में कैबिनेट की स्वीकृति की प्रतीक्षा कर रहा है और इसके तहत लगभग पाँच घरेलू कंपनियों को उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन राशि और पूंजीगत सब्सिडी दी जाएगी। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियाँ पहले से ही विदेशी खनन कंपनियों के साथ कच्चा माल सुनिश्चित करने के लिए साझेदारी कर रही हैं। इस योजना का प्रमुख लक्ष्य वैश्विक चुम्बक निर्माताओं को भारत में संयुक्त उद्यम या सहायक इकाइयाँ स्थापित करने के लिए आकर्षित करना है, जिससे रणनीतिक क्षेत्रों में भारत की औद्योगिक क्षमता मजबूत हो।
तकनीकी विशेषज्ञता और उत्पादन संबंधी चुनौतियाँ
भारत को इस क्षेत्र में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, जैसे कि तकनीकी विशेषज्ञता की कमी, परियोजनाओं को पूरा करने में लंबा समय, और पर्यावरणीय जोखिम। रेयर अर्थ तत्वों की कुशल निकासी और मैग्नेट निर्माण की तकनीक अभी तक मुख्यतः चीन के पास केंद्रित है। बिना सरकारी समर्थन के घरेलू उत्पादन आर्थिक रूप से व्यावहारिक नहीं है, इसलिए प्रारंभिक चरणों में सरकार की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- भारत की रेयर अर्थ मैग्नेट योजना का विस्तार ₹7,000 करोड़ तक किया गया है।
- चीन वैश्विक रेयर अर्थ प्रसंस्करण का लगभग 90% हिस्सा नियंत्रित करता है।
- योजना का उद्देश्य इलेक्ट्रिक वाहन, नवीकरणीय ऊर्जा और रक्षा क्षेत्रों को समर्थन देना है।
- लगभग पाँच कंपनियों को उत्पादन आधारित प्रोत्साहन देने की योजना है।
भविष्य की दिशा और वैश्विक दृष्टिकोण
सरकार सिंक्रोनस रिलक्टेंस मोटर्स जैसी वैकल्पिक मोटर तकनीकों पर शोध के लिए वित्त पोषण कर रही है, जो भविष्य में रेयर अर्थ खनिजों पर निर्भरता को कम कर सकती है। भारत में रेयर अर्थ ऑक्साइड्स की वार्षिक मांग लगभग 2,000 टन है, और अंतरराष्ट्रीय आपूर्तिकर्ता इस बढ़ते बाजार में रुचि दिखा रहे हैं। हालांकि, यदि चीन भारत पर निर्यात प्रतिबंधों में ढील देता है, तो सस्ते आयातित मैग्नेट घरेलू निवेश की रफ्तार को धीमा कर सकते हैं।