भारत में ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी: डिजिटल गवर्नेंस की नई क्रांति

भारत में ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी: डिजिटल गवर्नेंस की नई क्रांति

भारत में डिजिटल गवर्नेंस को सशक्त बनाने की दिशा में ब्लॉकचेन तकनीक एक नई क्रांति का रूप ले चुकी है। पहले यह तकनीक केवल क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ी मानी जाती थी, लेकिन अब यह विश्वास, पारदर्शिता और डेटा सुरक्षा के प्रतीक के रूप में उभरी है। भारत सरकार ने पारंपरिक केंद्रीकृत डाटाबेस सिस्टम की सीमाओं को ध्यान में रखते हुए ब्लॉकचेन को अपनाने की दिशा में ठोस कदम उठाए हैं। विशेष रूप से इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) द्वारा विकसित ‘राष्ट्रीय ब्लॉकचेन फ्रेमवर्क’ (NBF) इसके केंद्र में है, जो विभिन्न सरकारी सेवाओं में इसे लागू करने के लिए एक統ित ढांचा प्रदान करता है।

ब्लॉकचेन क्या है?

ब्लॉकचेन एक विकेंद्रीकृत, पारदर्शी, सुरक्षित और अपरिवर्तनीय डेटा संरचना है, जिसमें लेनदेन या रिकॉर्ड्स को नेटवर्क में जुड़े कई कंप्यूटरों पर एक साथ सहेजा जाता है। इसकी सबसे खास बात यह है कि एक बार डेटा दर्ज हो जाने के बाद उसमें बिना सहमति के कोई बदलाव नहीं किया जा सकता।

ब्लॉकचेन के प्रकार

  • पब्लिक ब्लॉकचेन: इसमें कोई भी व्यक्ति नेटवर्क से जुड़ सकता है और डेटा देख सकता है। यह पूर्ण पारदर्शिता सुनिश्चित करता है।
  • प्राइवेट ब्लॉकचेन: केवल अधिकृत उपयोगकर्ताओं को ही अनुमति मिलती है। यह सरकारी संस्थानों के लिए उपयुक्त है।
  • कंसोर्टियम ब्लॉकचेन: कई संगठनों द्वारा मिलकर संचालित किया जाता है, जिससे संयुक्त डेटा प्रबंधन होता है।
  • हाइब्रिड ब्लॉकचेन: इसमें पब्लिक और प्राइवेट ब्लॉकचेन दोनों के गुण होते हैं, जिससे डेटा की गोपनीयता और पारदर्शिता दोनों संभव होती हैं।

राष्ट्रीय ब्लॉकचेन फ्रेमवर्क (NBF): आत्मनिर्भर डिजिटल ढांचा

मार्च 2021 में ₹64.76 करोड़ के बजट के साथ शुरू हुए NBF को 4 सितंबर 2024 को आधिकारिक रूप से लॉन्च किया गया। इसका उद्देश्य सरकारी सेवाओं में अनुमति-आधारित ब्लॉकचेन एप्लिकेशन को बढ़ावा देना है।
विश्‍वास्‍य ब्लॉकचेन स्टैक इस पहल की तकनीकी रीढ़ है, जो निम्नलिखित सुविधाएं प्रदान करता है:

  • Blockchain-as-a-Service (BaaS): ब्लॉकचेन अवसंरचना को सेवा के रूप में उपलब्ध कराता है।
  • वितरित अवसंरचना: NIC के डेटा सेंटर्स में तैनात, जो स्थायित्व और मापनीयता सुनिश्चित करती है।
  • अनुमत ब्लॉकचेन लेयर: केवल प्रमाणित उपयोगकर्ताओं को ही नेटवर्क में भाग लेने की अनुमति होती है।
  • Open APIs: विभिन्न ई-गवर्नेंस प्लेटफॉर्म्स से सहज एकीकरण की सुविधा।

ब्लॉकचेन आधारित प्रमुख उपयोग

  • प्रमाणपत्र एवं दस्तावेज़ श्रृंखला: जैसे CBSE के शैक्षणिक दस्तावेज़ों को ब्लॉकचेन में संरक्षित किया गया है।
  • लॉजिस्टिक्स श्रृंखला: कर्नाटक के औषधा आपूर्ति प्रणाली में ब्लॉकचेन का उपयोग।
  • न्यायिक श्रृंखला: न्यायिक दस्तावेज़ों के सुरक्षित और समयबद्ध सत्यापन के लिए।
  • भूमि रजिस्ट्रेशन: संपत्ति दस्तावेजों का पारदर्शी प्रबंधन, जिससे विवादों में कमी आती है।
  • ICJS: न्यायिक और पुलिस रिकॉर्ड का एकीकृत डिजिटलीकरण।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • भारत का राष्ट्रीय ब्लॉकचेन पोर्टल विश्व के कुछ चुनिंदा सरकारी ब्लॉकचेन प्लेटफॉर्म्स में शामिल है।
  • प्रमाणिक (Praamaanik) मोबाइल ऐप्स की प्रामाणिकता जांचने के लिए ब्लॉकचेन पर आधारित समाधान है।
  • TRAI ने SMS स्पैम रोकने के लिए ब्लॉकचेन आधारित DLT प्रणाली लागू की है।
  • RBI ने डिजिटल रुपये (e₹) की पायलट परियोजना ब्लॉकचेन तकनीक के माध्यम से शुरू की है।

कौशल विकास और भविष्य की दिशा

MeitY द्वारा कई प्रशिक्षण कार्यक्रम जैसे PG डिप्लोमा इन फिनटेक & ब्लॉकचेन डेवलपमेंट, BLEND ऑनलाइन कोर्स, और FutureSkills PRIME चलाए जा रहे हैं, जो युवाओं और सरकारी अधिकारियों को इस तकनीक में दक्ष बना रहे हैं।
भारत सरकार भूमि अभिलेख, रक्त बैंक, GST निगरानी और PDS जैसी सेवाओं में ब्लॉकचेन के प्रयोग की दिशा में कार्य कर रही है।

Originally written on October 27, 2025 and last modified on October 27, 2025.

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