भारत में ब्लू पोर्ट अवसंरचना को सशक्त बनाने के लिए एफएओ और मत्स्य विभाग का समझौता

भारत में मत्स्य क्षेत्र को आधुनिक और टिकाऊ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। मत्स्य, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले मत्स्य विभाग (DoF) ने संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (FAO) के साथ “टेक्निकल कोऑपरेशन प्रोग्राम (TCP)” समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इसका उद्देश्य देश में ब्लू पोर्ट अवसंरचना को मजबूत करना और वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाना है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत मत्स्य विभाग ने पहली वेबिनार आयोजित की, जिसमें विशेषज्ञों ने “ब्लू पोर्ट की नींव: मत्स्य बंदरगाहों में मूल्य सृजन” विषय पर विचार साझा किए।
ब्लू पोर्ट की अवधारणा और महत्व
ब्लू पोर्ट केवल भौतिक संरचनाएं नहीं हैं, बल्कि वे आर्थिक समृद्धि, पारिस्थितिकीय स्थिरता और सामाजिक समावेशन के रणनीतिक द्वार माने जाते हैं। सचिव डॉ. अभिलक्ष लिक्ही ने अपने संबोधन में कहा कि सरकार का लक्ष्य ऐसे मछली बंदरगाह विकसित करना है जो तकनीकी रूप से उन्नत, पर्यावरण के अनुकूल और सामाजिक रूप से समावेशी हों। इस दिशा में 5G, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ऑटोमेशन और डिजिटल प्लेटफॉर्म जैसी आधुनिक तकनीकों का उपयोग दक्षता और सेवा गुणवत्ता को बढ़ाने में मदद करेगा।
सरकारी योजनाओं और निवेश की भूमिका
भारत सरकार पहले से ही प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) और फिशरीज एंड एक्वाकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड (FIDF) के माध्यम से बंदरगाहों के आधुनिकीकरण पर काम कर रही है। FAO के सहयोग से गुजरात (जाखाऊ), दीव (वनकबारा) और पुडुचेरी (कराईकल) में तीन स्मार्ट और एकीकृत मत्स्य बंदरगाह विकसित किए जा रहे हैं। इन परियोजनाओं में कुल 369.80 करोड़ रुपये का निवेश किया जा रहा है। इन बंदरगाहों में स्मार्ट तकनीकों जैसे IoT, सैटेलाइट कम्युनिकेशन, डेटा एनालिटिक्स और सेंसर नेटवर्क का उपयोग किया जाएगा। साथ ही, पर्यावरण संरक्षण के लिए वर्षा जल संचयन, ऊर्जा-कुशल उपकरण, इलेक्ट्रिक मशीनरी और अपशिष्ट प्रबंधन प्रणालियाँ भी शामिल की जाएंगी।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- ब्लू पोर्ट फ्रेमवर्क के तहत भारत में तीन पायलट बंदरगाह — वनकबारा (दीव), कराईकल (पुडुचेरी) और जाखाऊ (गुजरात) विकसित किए जा रहे हैं।
- प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) की शुरुआत वर्ष 2020 में की गई थी।
- एफएओ (FAO) की स्थापना 1945 में हुई थी और इसका मुख्यालय रोम (इटली) में है।
- स्पेन का “पोर्ट ऑफ विगो” ब्लू पोर्ट मॉडल का सफल उदाहरण माना जाता है।