भारत में बेरोजगारी दर में ऐतिहासिक गिरावट, श्रम बाजार में सकारात्मक संकेत

भारत में बेरोजगारी दर में ऐतिहासिक गिरावट, श्रम बाजार में सकारात्मक संकेत

भारत ने रोजगार के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति दर्ज की है। वार्षिक आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (PLFS) के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, देश में 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों में बेरोजगारी दर में पिछले छह वर्षों के दौरान लगातार गिरावट आई है। यह सुधार न केवल अर्थव्यवस्था की मजबूती को दर्शाता है, बल्कि रोजगार सृजन को लेकर नीतिगत प्रयासों की प्रभावशीलता का भी प्रमाण है।

राष्ट्रीय बेरोजगारी प्रवृत्ति

PLFS के अनुसार, “सामान्य स्थिति” (Usual Status) में बेरोजगारी दर 2017–18 में 6.0% थी, जो 2023–24 में घटकर 3.2% रह गई। विशेषज्ञों का कहना है कि इस सुधार के पीछे श्रम बाजार में संरचनात्मक परिवर्तन, कार्यबल की बढ़ी हुई भागीदारी और केंद्र व राज्य सरकारों की सतत नीतिगत पहलों का बड़ा योगदान है। औद्योगिक उत्पादन, कौशल विकास और उद्यमिता को प्रोत्साहन देने वाले कार्यक्रमों ने रोजगार सृजन में स्थायी आधार प्रदान किया है।

मासिक PLFS और ग्रामीण–शहरी पैटर्न

जनवरी 2025 से PLFS ने करंट वीकली स्टेटस (CWS) पर आधारित मासिक अनुमान जारी करना शुरू किया। अगस्त 2025 में बेरोजगारी दर 5.1% और सितंबर में 5.2% रही। ग्रामीण क्षेत्रों में यह क्रमशः 4.3% और 4.6%, जबकि शहरी क्षेत्रों में 6.7% और 6.8% रही। अधिकारियों का कहना है कि मासिक उतार-चढ़ाव मौसमी प्रभाव और सर्वेक्षण आवृत्ति के कारण हैं, न कि दीर्घकालिक संरचनात्मक बदलाव के।

राज्य स्तर पर प्रगति: महाराष्ट्र का उदाहरण

महाराष्ट्र ने भी उल्लेखनीय सुधार दर्ज किया है। राज्य की बेरोजगारी दर 2017–18 के 4.8% से घटकर 2023–24 में 3.3% पर पहुँच गई। ग्रामीण बेरोजगारी 3.2% से घटकर 2.1% और शहरी बेरोजगारी 7.4% से घटकर 5.2% रही। इन सुधारों का श्रेय कौशल विकास अभियानों, उद्योग-आधारित प्रशिक्षण कार्यक्रमों और जीविका संवर्धन योजनाओं को दिया जा रहा है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • भारत की राष्ट्रीय बेरोजगारी दर 2017–18 के 6.0% से घटकर 2023–24 में 3.2% हुई।
  • 2025 के PLFS मासिक आंकड़ों के अनुसार बेरोजगारी अगस्त में 5.1% और सितंबर में 5.2% रही।
  • महाराष्ट्र में बेरोजगारी दर 2023–24 में घटकर 3.3% हो गई।
  • जनवरी 2025 से PLFS को संशोधित कर मासिक Current Weekly Status आंकड़े जारी किए जाने लगे।

सरकारी पहल और रोजगार सृजन प्रयास

सरकार ने रोजगार को प्रोत्साहित करने के लिए कई योजनाएँ लागू की हैं प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP), मनरेगा (MGNREGS), उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना (PLI), DAY-NRLM, DDU-GKY, PMKVY, RSETIs, DAY-NULM, PM-SVANidhi, स्टार्ट-अप इंडिया, और प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) प्रमुख हैं। महिलाओं की कार्यबल भागीदारी बढ़ाने के लिए व्यावसायिक प्रशिक्षण, बाल देखभाल सहायता और तकनीकी सशक्तिकरण जैसे कदम उठाए गए हैं। साथ ही, प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना का लक्ष्य 3.5 करोड़ से अधिक रोजगार सृजित करना है, जबकि नए श्रम कोड सुरक्षित और लचीले कार्य वातावरण को बढ़ावा देने की दिशा में अग्रसर हैं।

Originally written on December 2, 2025 and last modified on December 2, 2025.

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