भारत में बनेगा ‘राष्ट्रीय विमानन सुरक्षा केंद्र’: हवाई यात्रा सुरक्षा को मिलेगी नई ऊंचाई

भारत में बनेगा ‘राष्ट्रीय विमानन सुरक्षा केंद्र’: हवाई यात्रा सुरक्षा को मिलेगी नई ऊंचाई

भारत सरकार ने तेजी से बढ़ते हवाई यातायात और हवाई अड्डों के विस्तार को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय विमानन सुरक्षा केंद्र (National Aviation Safety Centre) की स्थापना की घोषणा की है। यह ऐलान नई दिल्ली में आयोजित एशिया-प्रशांत दुर्घटना जांच समूह (APAC-AIG) की बैठक के दौरान किया गया। यह पहल भारत के विमानन सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने की दिशा में एक निर्णायक कदम मानी जा रही है।

विमानन सुरक्षा नेटवर्क को मजबूती देने की दिशा में पहल

नागरिक उड्डयन सचिव समीर कुमार सिन्हा ने जानकारी दी कि यह केंद्र क्षमता निर्माण, संस्थागत सुधार और अंतरराष्ट्रीय सहयोग पर विशेष ध्यान देगा। यह केंद्र भारत के तेजी से बढ़ते विमानन क्षेत्र में सुरक्षा निगरानी व्यवस्था को सशक्त बनाने और नियामक अनुपालन सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाएगा।

DGCA और AAIB की क्षमता दो गुना होगी

नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) और एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) दोनों की मानव संसाधन क्षमता को दोगुना करने की योजना बनाई है। यह कदम बढ़ती हवाई सेवाओं और यात्रियों की संख्या के अनुरूप सुरक्षा निरीक्षण को प्रभावी बनाएगा। यह विस्तार हाल ही में पारित भारतीय वायुवयन अधिनियम, 2024 द्वारा समर्थित है, जो इन निकायों की कानूनी शक्तियों और कार्यक्षमता को बढ़ाता है।

ICAO मानकों के अनुरूप प्रशिक्षण और अंतरराष्ट्रीय सहयोग

भारत ने अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (ICAO) के मानकों के अनुरूप Universal Safety Oversight Audit Programme (USOAP) ऑडिटर पाठ्यक्रमों की शुरुआत राजीव गांधी राष्ट्रीय विमानन विश्वविद्यालय (RGNAU) में करने की योजना बनाई है। इससे घरेलू स्तर पर प्रशिक्षण और वैश्विक सहयोग को प्रोत्साहन मिलेगा। भारत ने पहली बार APAC-AIG बैठक की मेजबानी करते हुए सदस्य देशों के साथ विमानन प्रयोगशालाओं के उपयोग को साझा करने की भी प्रतिबद्धता जताई।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • राष्ट्रीय विमानन सुरक्षा केंद्र की घोषणा अक्टूबर 2025 में नई दिल्ली में हुई।
  • भारतीय वायुवयन अधिनियम, 2024 पुराने विमानन कानूनों को प्रतिस्थापित करता है।
  • भारत का ICAO सुरक्षा कार्यान्वयन स्कोर 2018 के 70% से बढ़कर 2025 में 85% हुआ।
  • DGCA विमानन सुरक्षा और लाइसेंसिंग नियमन करता है, जबकि AAIB विमान दुर्घटनाओं की जांच करता है।
  • भारत की वैश्विक विमानन सुरक्षा रैंकिंग 112 से 55वें स्थान तक सुधरी है।

भारत की विमानन सुरक्षा का भविष्य

नागरिक उड्डयन मंत्री राममोहन नायडू ने बताया कि भारत की एयरपोर्ट नेटवर्क को 2047 तक 350–400 तक विस्तारित करने की योजना है। इसके साथ ही सरकार ने स्पष्ट किया है कि विस्तार के साथ सुरक्षा मानकों में कोई समझौता नहीं किया जाएगा। राष्ट्रीय विमानन सुरक्षा केंद्र की स्थापना यह सुनिश्चित करेगी कि भारत के आसमान न केवल व्यस्त हों, बल्कि दुनिया के सबसे सुरक्षित भी बने रहें।
यह पहल न केवल तकनीकी और संस्थागत दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भारत को एक वैश्विक विमानन सुरक्षा मॉडल के रूप में स्थापित करने की दिशा में भी एक अहम कदम है।

Originally written on October 29, 2025 and last modified on October 29, 2025.

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