भारत में बनेगा यात्री विमान: HAL और रूस की साझेदारी
भारत के नागरिक उड्डयन क्षेत्र में एक ऐतिहासिक पहल के तहत हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) और रूस की यूनाइटेड एयरक्राफ्ट कॉर्पोरेशन (UAC) ने SJ-100 यात्री विमान के भारत में सह-निर्माण के लिए समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं। यह समझौता न केवल भारत की “मेक इन इंडिया” और आत्मनिर्भरता की नीति को सुदृढ़ करता है, बल्कि लगभग चार दशकों के बाद देश के यात्री विमान निर्माण क्षेत्र में पुनः प्रवेश को दर्शाता है।
HAL और UAC के बीच रणनीतिक साझेदारी
यह समझौता मास्को में HAL के प्रभात रंजन और UAC के ओलेग बोगोमोलोव द्वारा HAL अध्यक्ष डी. के. सुनील और UAC के महानिदेशक वादिम बडेखा की उपस्थिति में हस्ताक्षरित हुआ। यह करार उच्च स्तर की सरकारी वार्ताओं के बाद संपन्न हुआ है, जो भारत की स्वदेशी विमानन क्षमताओं के विकास की गंभीर प्रतिबद्धता को दर्शाता है। HAL अब रक्षा निर्माण से आगे बढ़कर नागरिक विमान निर्माण की दिशा में अग्रसर हो रहा है, जो इसके लिए एक नई और महत्वपूर्ण दिशा है।
उत्पादन और स्थानीयकरण की योजना
हालांकि स्थानीयकरण के सूक्ष्म विवरणों पर अभी चर्चा चल रही है, लेकिन शुरुआती संकेतों से स्पष्ट है कि विमान का निर्माण भारत में ही किया जाएगा और रूस से महत्वपूर्ण तकनीकी सहयोग प्राप्त होगा। यह परियोजना न केवल हजारों कुशल नौकरियों का सृजन करेगी, बल्कि सहायक उद्योगों को भी प्रोत्साहन देगी। इससे भारत का वैश्विक विमानन निर्माण केंद्र बनने का दीर्घकालिक सपना साकार होने की दिशा में एक मजबूत कदम होगा।
SJ-100: भारत के क्षेत्रीय मार्गों के लिए उपयुक्त
SJ-100 एक दो-इंजन वाला रीजनल जेट है, जो विश्व भर में 200 से अधिक इकाइयों के साथ सफलतापूर्वक परिचालन में है। इसे विशेष रूप से कम दूरी की उड़ानों के लिए डिज़ाइन किया गया है, और यह भारत की “उड़ान” योजना के तहत टियर-2 और टियर-3 शहरों को जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। समझौते के अनुसार HAL को भारत के घरेलू बाजार के लिए SJ-100 का निर्माण और आपूर्ति करने का विशेषाधिकार प्राप्त होगा।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- HAL और रूस की UAC ने अक्टूबर 2025 में SJ-100 विमान के निर्माण के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
- SJ-100 एक दो-इंजन, संकीर्ण शरीर वाला क्षेत्रीय यात्री विमान है।
- यह परियोजना भारत की 1988 में बंद हुई AVRO HS-748 परियोजना के बाद पहला यात्री विमान निर्माण प्रयास है।
- इस विमान को भारत की क्षेत्रीय उड़ान योजना ‘उड़ान’ को बढ़ावा देने के लिए उपयुक्त माना गया है।
भारत के विमानन निर्माण क्षेत्र में यह कदम एक नई शुरुआत का संकेत देता है। विशेषज्ञों के अनुसार HAL और UAC की यह साझेदारी देश में स्वदेशी विमान डिजाइन, उत्पादन, मरम्मत और आपूर्ति के एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करेगी। साथ ही यह परियोजना रूस के साथ भारत की औद्योगिक साझेदारी को और गहरा करने का प्रतीक भी है, जो वैश्विक भू-राजनीतिक दबावों के बावजूद निरंतर प्रगाढ़ हो रही है। इस सहयोग से भारत का विमानन उद्योग वैश्विक मंच पर अधिक प्रभावशाली बन सकता है।