भारत में नोवो नॉर्डिस्क की वेगोवी दवा लॉन्च: मोटापे और डायबिटीज़ के इलाज में बड़ी पहल

भारत में नोवो नॉर्डिस्क की वेगोवी दवा लॉन्च: मोटापे और डायबिटीज़ के इलाज में बड़ी पहल

डेनमार्क की प्रमुख हेल्थकेयर कंपनी नोवो नॉर्डिस्क ने भारत में मोटापा और डायबिटीज़ के इलाज के लिए अपनी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध दवा वेगोवी के विपणन हेतु एंक्योर फार्मास्युटिकल्स के साथ साझेदारी की है। सेमाग्लूटाइड पर आधारित यह इंजेक्टेबल दवा भारत में तेजी से विकसित हो रहे मोटापा-रोधी और मेटाबॉलिक हेल्थ बाजार को नई दिशा दे सकती है।

वेगोवी: चिकित्सा और बाजार में महत्व

वेगोवी सेमाग्लूटाइड का इंजेक्टेबल रूप है, जो GLP-1 रिसेप्टर एगोनिस्ट के रूप में कार्य करता है। इसे दीर्घकालिक वजन प्रबंधन और टाइप 2 डायबिटीज़ नियंत्रण में उपयोग किया जाता है। यह दवा विश्व स्तर पर अपने प्रभावी परिणामों के कारण लोकप्रिय हो चुकी है, विशेष रूप से वजन घटाने और रक्त शर्करा नियंत्रण में इसके सकारात्मक प्रभावों के लिए। भारत में अब एंक्योर इसके वितरण और विपणन को संभालेगा, जिससे यह दवा आम जनता तक अधिक आसानी से पहुंच सकेगी।

उद्योग परिदृश्य और एलि लिली से प्रतिस्पर्धा

यह घोषणा उस समय आई है जब अमेरिकी दवा कंपनी एलि लिली ने सिप्ला के साथ मिलकर टिरज़ेपाटाइड दवा को युरपीक नाम से भारत में लॉन्च किया है। यह दवा भी वजन और डायबिटीज़ दोनों के नियंत्रण के लिए उपयोगी है और विभिन्न डोज़ में पेन-जैसे उपकरणों में उपलब्ध है। एलि लिली की मूल दवा मौन्जारो, जिसे मार्च 2025 में भारत में पेश किया गया था, ने अक्टूबर तक ही ₹100 करोड़ की बिक्री पार कर ली है। यह बाजार में इस खंड की तीव्र व्यावसायिक वृद्धि को दर्शाता है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • नोवो नॉर्डिस्क ने भारत में वेगोवी दवा के विपणन के लिए एंक्योर फार्मास्युटिकल्स से साझेदारी की।
  • वेगोवी सेमाग्लूटाइड पर आधारित है, जो वजन घटाने और टाइप 2 डायबिटीज़ के इलाज में प्रभावी है।
  • एलि लिली और सिप्ला ने युरपीक ब्रांड नाम से टिरज़ेपाटाइड लॉन्च किया है।
  • एलि लिली की मौन्जारो दवा मार्च 2025 में लॉन्च हुई थी और अक्टूबर तक ₹100 करोड़ बिक्री पार कर चुकी है।

भारत में मोटापा-रोधी दवाओं के भविष्य की दिशा

नोवो नॉर्डिस्क की वेगोवी के भारत में प्रवेश से मोटापा विरोधी दवाओं के बाजार में प्रतिस्पर्धा तेज होने की संभावना है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह साझेदारी भारत के फार्मा क्षेत्र में एक नए युग की शुरुआत है, जिसमें जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों के इलाज के लिए वैज्ञानिक आधार पर विकसित उच्च मूल्य वाली दवाएं प्रमुख भूमिका निभाएंगी। जैसे-जैसे लोगों में मेटाबॉलिक बीमारियों और रोकथाम आधारित देखभाल के प्रति जागरूकता बढ़ रही है, भारत का हेल्थकेयर क्षेत्र मोटापा और डायबिटीज़ नियंत्रण में वैश्विक नवाचारों का केंद्र बन सकता है।

Originally written on November 10, 2025 and last modified on November 10, 2025.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *