भारत में दूरसंचार सुरक्षा परीक्षण को मिली नई गति: नोएडा में नया TSTL केंद्र नियुक्त

भारत के दूरसंचार सुरक्षा परीक्षण तंत्र को मजबूती देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, दूरसंचार विभाग के अंतर्गत कार्यरत राष्ट्रीय संचार सुरक्षा केंद्र (NCCS) ने उत्तर प्रदेश के नोएडा स्थित “कम्प्लायंस इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड” को दूरसंचार सुरक्षा परीक्षण प्रयोगशाला (Telecom Security Testing Laboratory – TSTL) के रूप में मान्यता दी है। यह प्रयोगशाला अब IP राउटर्स की सुरक्षा जांच “कॉमसेक योजना” के अंतर्गत कर सकेगी।
यह नया समावेश देश में TSTL की कुल संख्या को नौ (9) तक पहुंचाता है। ये सभी प्रयोगशालाएं कर्नाटक, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु और महाराष्ट्र में फैली हुई हैं, जिससे देशभर के उपकरण निर्माताओं (OEMs), आयातकों और सेवा प्रदाताओं को अपनी व्यावसायिक गतिविधियों के समीप ही तेज़, सुलभ और कम लागत में सुरक्षा परीक्षण की सुविधा मिल रही है।
सुरक्षा परीक्षण के अंतर्गत उपकरणों की विविधता
मान्यता प्राप्त इन प्रयोगशालाओं को 27 प्रकार के दूरसंचार उपकरणों के लिए सुरक्षा परीक्षण करने की अनुमति है। इनमें शामिल हैं:
- IP राउटर्स
- Wi-Fi CPEs
- ऑप्टिकल लाइन टर्मिनल्स (OLT)
- ऑप्टिकल नेटवर्क टर्मिनल्स (ONT)
- 5G कोर नेटवर्क के 23 नेटवर्क फंक्शन्स
इन प्रयोगशालाओं में पहले से ही कई दूरसंचार उत्पादों का सुरक्षा परीक्षण चल रहा है, जिससे भारत की सुरक्षा प्रौद्योगिकी क्षमताओं को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाया जा रहा है।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- NCCS की स्थापना: राष्ट्रीय संचार सुरक्षा केंद्र (NCCS) दूरसंचार विभाग के अंतर्गत कार्य करता है और संचार सुरक्षा प्रमाणन योजना (ComSec) को लागू करने के लिए जिम्मेदार है।
- ComSec योजना: यह योजना ‘MTCTE’ (Mandatory Testing and Certification of Telecom Equipment) के अधीन आती है और दूरसंचार उपकरणों की अनिवार्य सुरक्षा जांच सुनिश्चित करती है।
- नई नियमावली: मई 2025 में जारी ‘Telecommunications (Framework to Notify Standards, Conformity Assessment and Certification) Rules, 2025’ ने पूर्व की MTCTE नियमों को प्रतिस्थापित किया है।