भारत में जन्म और मृत्यु के आंकड़ों का ताज़ा विश्लेषण: 2023 में जन्म दर घटी, मृत्यु दर स्थिर

भारत में जन्म और मृत्यु के आंकड़ों का ताज़ा विश्लेषण: 2023 में जन्म दर घटी, मृत्यु दर स्थिर

भारत सरकार के पंजीयक जनरल द्वारा जारी ‘वाइटल स्टैटिस्टिक्स ऑफ इंडिया – सिविल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (CRS) रिपोर्ट 2023’ के अनुसार, वर्ष 2023 में भारत में कुल 2.52 करोड़ जन्म पंजीकृत हुए, जो कि 2022 की तुलना में लगभग 2.32 लाख कम हैं। इसके विपरीत, मृत्यु के मामलों में बहुत हल्की बढ़ोतरी दर्ज की गई — 2023 में 86.6 लाख मौतें हुईं, जो 2022 के 86.5 लाख से थोड़ा अधिक हैं।

जन्म दर में गिरावट और मृत्यु दर में स्थिरता

2023 में जन्म दर में दर्ज की गई यह गिरावट देश की जनसंख्या वृद्धि की धीमी होती रफ्तार को दर्शाती है। वहीं, कोविड-19 महामारी के कारण वर्ष 2021 में असामान्य रूप से 102.2 लाख मौतें दर्ज की गई थीं, जबकि 2020 में यह संख्या 81.2 लाख थी — यानी एक ही वर्ष में 21 लाख की वृद्धि। हालांकि, 2022 और 2023 में महामारी से संबंधित मौतों में कोई विशेष वृद्धि नहीं देखी गई, जबकि स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार मई 2025 तक कोविड से 5,33,665 मौतें दर्ज की गई थीं।

लैंगिक अनुपात और संस्थागत जन्म

रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया कि देश में लिंगानुपात (जन्म के समय) में राज्यों के बीच भारी अंतर है। झारखंड ने सबसे कम लिंगानुपात 899 दर्ज किया, जबकि बिहार (900), तेलंगाना (906), महाराष्ट्र (909), गुजरात (910), हरियाणा और मिजोरम (911) भी निचले पायदान पर रहे। इसके विपरीत अरुणाचल प्रदेश ने 1,085 के लिंगानुपात के साथ शीर्ष स्थान प्राप्त किया।
सकारात्मक रूप से, देश में 2023 में कुल जन्मों में से 74.7 प्रतिशत संस्थागत जन्म (अस्पताल या स्वास्थ्य केंद्र में) हुए, जो मातृ और शिशु स्वास्थ्य के लिए एक अच्छा संकेत है।

जन्म पंजीकरण की स्थिति और राज्यवार प्रदर्शन

भारत में कुल 98.4 प्रतिशत जन्म पंजीकृत किए गए, जो कि एक प्रभावशाली आंकड़ा है। हालांकि, बिहार जन्म पंजीकरण में लगातार पिछड़ रहा है। रिपोर्ट में बताया गया कि केवल 11 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने जन्म के 21 दिनों के भीतर 90% से अधिक पंजीकरण हासिल किया। इनमें गुजरात, पुडुचेरी, तमिलनाडु, चंडीगढ़, दमन-दीव, लक्षद्वीप, अंडमान-निकोबार, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, गोवा और पंजाब शामिल हैं।
दूसरी ओर, 14 राज्य/केंद्र शासित प्रदेश ऐसे हैं जहाँ जन्म पंजीकरण 50% से 80% के बीच रहा, जिनमें बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, झारखंड और पश्चिम बंगाल जैसे बड़े राज्य भी शामिल हैं।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • भारत में सिविल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (CRS) का संचालन भारत के पंजीयक जनरल कार्यालय द्वारा किया जाता है।
  • जन्म और मृत्यु की पंजीकरण की वैधानिक समयसीमा जन्म के 21 दिनों और मृत्यु के 21 दिनों के भीतर है।
  • भारत में वर्ष 2023 में कुल जन्म पंजीकरण दर 98.4% रही, जबकि मृत्यु पंजीकरण दर में भी स्थिरता रही।
  • अरुणाचल प्रदेश ने सबसे अधिक लिंगानुपात (1085 महिलाएं प्रति 1000 पुरुष) दर्ज किया, जबकि झारखंड सबसे पीछे रहा।
Originally written on October 15, 2025 and last modified on October 15, 2025.

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