भारत में चिप डिज़ाइन क्रांति: Vervesemi और DLI योजना का योगदान

भारत सरकार द्वारा शुरू की गई डिज़ाइन लिंक्ड इंसेंटिव (DLI) योजना के तहत देश की अर्धचालक डिज़ाइन क्षमताओं को मजबूती देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। इस योजना के अंतर्गत 23 चिप डिज़ाइन परियोजनाओं को मंज़ूरी दी गई है, जिनका नेतृत्व घरेलू स्टार्टअप्स और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (MSMEs) कर रहे हैं। इनमें Vervesemi Microelectronics जैसे अग्रणी कंपनियाँ भारत को डिज़ाइन-इन-इंडिया चिप निर्माण के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बना रही हैं।

Vervesemi: भारत की पहली वैश्विक IP निर्यातक कंपनी

Vervesemi Microelectronics, 2017 में स्थापित एक फैब्लेस सेमीकंडक्टर कंपनी है, जिसने 110 से अधिक इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी (IP), 25 एकीकृत सर्किट (IC) उत्पाद, 10 पेटेंट और 5 ट्रेड सीक्रेट्स का निर्माण किया है। कंपनी के चिप्स आज अंतरराष्ट्रीय निर्माताओं द्वारा अपने उत्पादों में उपयोग किए जा रहे हैं, जो भारत की नवाचार क्षमता का प्रतीक हैं। इसके डिज़ाइन न केवल रक्षा, अंतरिक्ष और औद्योगिक क्षेत्रों में उपयोग हो रहे हैं, बल्कि स्मार्ट ऊर्जा और उपभोक्ता तकनीक के लिए भी बेहद उपयोगी हैं।

आगामी चिप्स और SoC की रूपरेखा

Vervesemi की योजनाओं के अनुसार, 2026 के अंत या 2027 की शुरुआत तक बड़े पैमाने पर उत्पादन शुरू किया जाएगा। कुछ प्रमुख चिप्स और उनके अनुप्रयोग हैं:

  • BLDC कंट्रोलर ASIC: छोटे मोटर अनुप्रयोगों जैसे पंखे और घरेलू उपकरणों के लिए विकसित किया जा रहा है, जिससे आयात पर निर्भरता कम होगी।
  • मोटर कंट्रोल ASIC: इलेक्ट्रिक वाहनों, ड्रोन और औद्योगिक स्वचालन के लिए उच्च-सटीकता समाधान प्रदान करेगा।
  • स्पेस और एवीओनिक्स के लिए डेटा अधिग्रहण ASIC: मिशन-क्रिटिकल उपयोग के लिए मशीन लर्निंग-सक्षम डिजाइन, 2026 में सैंपल तैयार होंगे।
  • वेट स्केल और ब्रिज सेंसर ASIC: उच्च सटीकता और विश्वसनीयता के साथ अगली पीढ़ी के फोर्स टच और वेटिंग सिस्टम के लिए, 2025 के अंत तक सैंपल उपलब्ध होंगे।
  • स्मार्ट ऊर्जा मीटरिंग ASIC: अल्ट्रा-एक्युरेट मल्टी-चैनल सेंसिंग के साथ, भविष्य की ऊर्जा प्रणालियों के लिए 2025 में सैंपल उपलब्ध होंगे।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • डिज़ाइन लिंक्ड इंसेंटिव (DLI) योजना भारत सरकार द्वारा सेमीकंडक्टर डिज़ाइन इनोवेशन को प्रोत्साहित करने के लिए चलाई जा रही है।
  • Vervesemi भारत की पहली कंपनियों में से है जिसने सेमीकंडक्टर IP का वैश्विक निर्यात शुरू किया है।
  • EDA (Electronic Design Automation) टूल्स तक 72 भारतीय कंपनियों को पहुँच मिली है जो भारत में चिप डिज़ाइन के विकास को दर्शाता है।
  • “Chips to Startup (C2S)” कार्यक्रम का उद्देश्य चिप डिज़ाइन और नवाचार के लिए मानव संसाधन और तकनीकी क्षमताओं का विकास करना है।

भारत की सेमीकंडक्टर क्षमता का भविष्य

Vervesemi जैसी कंपनियाँ भारत को केवल आत्मनिर्भर नहीं बना रही हैं, बल्कि वैश्विक सेमीकंडक्टर उद्योग में भारत की अग्रणी भूमिका सुनिश्चित कर रही हैं। इन कंपनियों की विशेषता है मशीन लर्निंग-सक्षम चिप डिज़ाइन जो न केवल कार्यक्षमता और ऊर्जा दक्षता में क्रांति लाते हैं, बल्कि फेल-सेफ और सेल्फ-हीलिंग क्षमताओं के माध्यम से चिप की गुणवत्ता और विश्वसनीयता भी सुनिश्चित करते हैं।
भारत सरकार की DLI और C2S जैसी योजनाओं के साथ, भारत अब “हर डिवाइस में एक भारतीय चिप” के विज़न की ओर तेज़ी से अग्रसर है। यह पहल न केवल तकनीकी आत्मनिर्भरता का प्रतीक है, बल्कि वैश्विक नवाचार में भारत की हिस्सेदारी को भी सशक्त करती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *