भारत में क्वांटम प्रौद्योगिकी के चार नए राष्ट्रीय केंद्रों की घोषणा
भारत ने क्वांटम विज्ञान और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में वैश्विक नेतृत्व हासिल करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए चार उन्नत क्वांटम फैब्रिकेशन और केंद्रीय सुविधाओं की घोषणा की है। यह पहल राष्ट्रीय क्वांटम मिशन के तहत लगभग ₹720 करोड़ की लागत से विकसित की जा रही है और इसे देश के चार प्रमुख संस्थानों आईआईटी दिल्ली, आईआईटी बॉम्बे, आईआईटी कानपुर और आईआईएससी बेंगलुरु में स्थापित किया जाएगा।
भारत के क्वांटम हार्डवेयर तंत्र को नई गति
ये नए हब क्वांटम सेंसिंग, क्वांटम कंप्यूटिंग और क्वांटम मटेरियल्स जैसे क्षेत्रों में अत्याधुनिक क्षमताएँ प्रदान करेंगे। इनका उद्देश्य देश में स्वदेशी, सुरक्षित और स्केलेबल क्वांटम उपकरणों के निर्माण को प्रोत्साहित करना है। इन सुविधाओं का उपयोग न केवल राष्ट्रीय मिशन से जुड़े शोधकर्ताओं द्वारा किया जा सकेगा, बल्कि विश्वविद्यालयों, उद्योग जगत, स्टार्टअप्स और सामरिक क्षेत्रों के लिए भी यह खुला रहेगा। इससे नवाचार और अनुसंधान का दायरा व्यापक रूप से बढ़ेगा।
संस्थागत भूमिकाएँ और विशेष क्षमताएँ
प्रत्येक संस्थान को राष्ट्रीय क्वांटम मिशन के एक विशिष्ट स्तंभ की ज़िम्मेदारी सौंपी गई है।
- आईआईटी बॉम्बे और आईआईटी कानपुर क्वांटम सेंसिंग और मेट्रोलॉजी के क्षेत्र में नेतृत्व करेंगे, जिससे परिशुद्धता आधारित तकनीकों में नए आयाम खुलेंगे।
- आईआईएससी बेंगलुरु और आईआईटी बॉम्बे सुपरकंडक्टिंग, फोटोनिक और स्पिन क्यूबिट आधारित क्वांटम कंप्यूटिंग फैब्रिकेशन को आगे बढ़ाएंगे।
- आईआईटी दिल्ली देश में क्वांटम मटेरियल्स और डिवाइस इंजीनियरिंग का इकोसिस्टम तैयार करेगा।
डीप-टेक नवाचार और स्टार्टअप्स को प्रोत्साहन
विज्ञान मंत्रालय ने बताया कि आईआईटी बॉम्बे का टेक्नोलॉजी इनोवेशन हब इस क्षेत्र में एक राष्ट्रीय मॉडल के रूप में उभरा है, जहाँ 96 विकास परियोजनाएँ और 50 से अधिक डीप-टेक स्टार्टअप्स सक्रिय हैं। इन स्टार्टअप्स का कुल मूल्य लगभग ₹466 करोड़ है। नए क्वांटम केंद्र देश में प्रोटोटाइपिंग क्षमताओं को मज़बूत करेंगे, विदेशी तकनीकों पर निर्भरता घटाएँगे और क्वांटम हार्डवेयर विशेषज्ञों की नई पीढ़ी को तैयार करेंगे।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- ₹720 करोड़ की लागत से चार क्वांटम फैब्रिकेशन हब स्थापित किए जाएंगे।
- ये केंद्र आईआईटी दिल्ली, आईआईटी बॉम्बे, आईआईटी कानपुर और आईआईएससी बेंगलुरु में होंगे।
- आईआईटी बॉम्बे और आईआईटी कानपुर क्वांटम सेंसिंग व मेट्रोलॉजी में नेतृत्व करेंगे।
- आईआईएससी बेंगलुरु और आईआईटी बॉम्बे क्वांटम कंप्यूटिंग फैब्रिकेशन को आगे बढ़ाएँगे।
भारत की तकनीकी आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम
यह नई संरचना भारत की दीर्घकालिक तकनीकी क्षमता को सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। यह सुपरकंडक्टिविटी, फोटोनिक्स, हेल्थकेयर और अंतरिक्ष अनुसंधान जैसे क्षेत्रों में राष्ट्रीय कौशल को मज़बूत करेगी। एनएम-आईसीपीएस और भारतजेन जैसी अन्य पहलों के साथ मिलकर यह कदम भारत के आत्मनिर्भर और वैश्विक तकनीकी शक्ति बनने के संकल्प को और मजबूत करता है।