भारत में इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र में $200 अरब की संभावना: नीति आयोग की नई रिपोर्ट से EV क्रांति को नई दिशा

नीति आयोग ने “Unlocking a $200 Billion Opportunity: Electric Vehicles in India” नामक रिपोर्ट जारी की है, जो भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) के संक्रमण को तेज करने के लिए एक व्यापक रोडमैप प्रदान करती है। इस रिपोर्ट का विमोचन नीति आयोग के सदस्य श्री राजीव गौबा की उपस्थिति में किया गया, जिसमें EV क्षेत्र में चुनौतियों, अवसरों और ठोस सुझावों को प्रस्तुत किया गया है।
EV क्षेत्र में भारत की प्रगति
भारत ने 2016 में EV बिक्री की शुरुआत 50,000 वाहनों से की थी, जो 2024 तक बढ़कर 2.08 मिलियन तक पहुँच गई है। 2024 में EV की बिक्री भारत में 7.7% तक पहुँच चुकी है, जबकि वैश्विक स्तर पर यह वृद्धि 918,000 से बढ़कर 18.78 मिलियन तक हुई है। वर्तमान में देश में 65 लाख से अधिक EV सड़क पर चल रहे हैं, जिनमें से 12 लाख 2024 में ही पंजीकृत हुए हैं।
$200 अरब का अवसर: रिपोर्ट की मुख्य बातें
- आर्थिक संभावना: भारत EV संक्रमण के माध्यम से 2035 तक $200 अरब का आर्थिक अवसर उत्पन्न कर सकता है।
- तेल आयात में बचत: EV अपनाने से ₹3.7 लाख करोड़ के तेल आयात की बचत और 1 गीगाटन CO₂ उत्सर्जन में कमी हो सकती है।
- रोजगार सृजन: EV क्षेत्र 1 करोड़ से अधिक प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष नौकरियाँ पैदा कर सकता है।
EV अपनाने में प्रमुख चुनौतियाँ
- ऊंची प्रारंभिक लागत: बैटरी की कीमतें EV को ICE वाहनों की तुलना में महंगा बनाती हैं।
- वित्तीय पहुंच की कमी: ऋणदाता जोखिम के कारण EV ऋण MSMEs और असंगठित क्षेत्र के लिए कठिन है।
- चार्जिंग ढांचे में कमी: देश में अभी केवल 25,000 चार्जिंग स्टेशन हैं, जबकि 2035 तक 29 लाख स्टेशनों की जरूरत होगी।
- R&D और रीसाइक्लिंग की कमी: बैटरी पुनर्चक्रण और स्थानीय पुर्जों के निर्माण में अनुसंधान सीमित है।
- राज्य-नीतियों में असमानता: EV नीतियों में राज्यों के बीच सामंजस्य की कमी है।
EV संक्रमण के लिए पाँच प्रमुख Unlocks
- स्थिर नीति ढांचा: केंद्र और राज्यों के बीच दीर्घकालिक, सुसंगत नीतियाँ निवेशकों का विश्वास बढ़ाती हैं।
- सस्ते वित्तपोषण की उपलब्धता: विशेषकर असंगठित क्षेत्र को हरे ऋण व बीमा की सुविधा दी जानी चाहिए।
- EV मूल्य श्रृंखला विकास: बैटरी, मोटर, पुर्जों का स्थानीय उत्पादन और रीसाइक्लिंग प्रणाली विकसित करनी होगी।
- सार्वजनिक चार्जिंग का विस्तार: 2035 तक 2.9 मिलियन चार्जिंग स्टेशन स्थापित करना अनिवार्य होगा।
- उपयोग को प्रोत्साहन: सब्सिडी, टैक्स में छूट, और कार्बन क्रेडिट जैसे उपायों से EV को आकर्षक बनाना।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- नीति आयोग की यह रिपोर्ट 7 विशेष परामर्श कार्यक्रमों के बाद तैयार की गई है।
- भारत ने EV बिक्री में 2018 से 2024 के बीच 15 गुना वृद्धि दर्ज की है।
- 29 राज्य/केंद्र शासित प्रदेश पहले ही EV नीति अधिसूचित कर चुके हैं, जबकि 4 राज्यों में मसौदा नीति तैयार है।
- भारत में 2035 तक 250+ GWh वार्षिक बैटरी मांग होने की संभावना है।
आगे की दिशा
रिपोर्ट में EV क्षेत्र के तीव्र विकास के लिए निम्नलिखित रणनीतियाँ सुझाई गई हैं:
- Mission EV@30 को कैबिनेट स्तर पर मान्यता दी जाए।
- Unified Green Transport Fund के माध्यम से EV अवसंरचना, सब्सिडी और पब्लिक ट्रांजिट के विद्युतीकरण में निवेश हो।
- EV Readiness Index के जरिए राज्यों के बीच प्रतिस्पर्धा को प्रोत्साहित किया जाए।
- ICE सेक्टर के कर्मचारियों के लिए पुनः प्रशिक्षण (Just Transition) की व्यवस्था हो।
यह रिपोर्ट स्पष्ट करती है कि भारत के पास न केवल आर्थिक, बल्कि पर्यावरणीय और ऊर्जा सुरक्षा की दृष्टि से भी EV संक्रमण को एक व्यापक अवसर में बदलने का समय आ गया है। नीति आयोग की यह पहल भारत को “हरित गतिशीलता” (Green Mobility) की दिशा में नेतृत्व देने की ओर एक मजबूत कदम है।