भारत-मंगोलिया संबंधों के 70 वर्ष: राष्ट्रपति खुरेलसुख की भारत यात्रा का ऐतिहासिक महत्व

भारत और मंगोलिया के बीच राजनयिक संबंधों की 70वीं वर्षगांठ के अवसर पर मंगोलिया के राष्ट्रपति खुरेलसुख उखना की भारत यात्रा ऐतिहासिक रही। 13 से 16 अक्टूबर, 2025 के बीच हुई इस यात्रा के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने उन्हें राष्ट्रपति भवन में औपचारिक स्वागत किया और उनके सम्मान में भव्य भोज का आयोजन भी किया गया। इस अवसर ने दोनों देशों के बीच साझा सांस्कृतिक धरोहर और रणनीतिक साझेदारी को एक नई दिशा दी।
आध्यात्मिक और रणनीतिक संबंधों को नई ऊर्जा
राष्ट्रपति मुर्मु ने मंगोलिया को भारत का ‘रणनीतिक साझेदार’, ‘तीसरा पड़ोसी’ और ‘आध्यात्मिक पड़ोसी’ बताते हुए यह स्पष्ट किया कि भारत और मंगोलिया के संबंध केवल कूटनीतिक नहीं बल्कि ऐतिहासिक और सांस्कृतिक गहराई से जुड़े हैं। उन्होंने बताया कि बीते वर्षों में भारत ने मंगोलिया में बौद्ध मठों के पुनर्निर्माण, प्राचीन पांडुलिपियों के पुनर्मुद्रण जैसे अनेक सांस्कृतिक प्रयास किए हैं।
भारत मंगोलियाई बौद्ध भिक्षुओं के लिए एक स्वाभाविक गंतव्य बना हुआ है, जहां वे आध्यात्मिक शिक्षा प्राप्त करते हैं। दोनों देशों के बीच हाल ही में हुए सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रमों पर हस्ताक्षर से यह विश्वास और मजबूत हुआ है कि आने वाले समय में सांस्कृतिक सहयोग को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया जा सकेगा।
विकास और रक्षा सहयोग में नई संभावनाएं
राष्ट्रपति मुर्मु ने भारत की विकास और क्षमता निर्माण में प्रतिबद्धता को दोहराया, खासकर मंगोलिया में चल रहे परियोजनाओं को समय पर पूरा करने पर बल दिया। इन परियोजनाओं को भारत-मंगोलिया मित्रता के स्थायी प्रतीक के रूप में देखा जा रहा है।
इस यात्रा के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी मंगोलियाई राष्ट्रपति से मुलाकात की। बैठक में रक्षा सहयोग को रणनीतिक साझेदारी का एक प्रमुख स्तंभ बताया गया। दोनों नेताओं ने संयुक्त कार्य समूह की बैठकों, सैन्य से सैन्य संपर्क, उच्च स्तरीय यात्राएं, प्रशिक्षण कार्यक्रम और द्विपक्षीय सैन्य अभ्यासों को और मजबूत करने पर चर्चा की। मंगोलियाई राष्ट्रपति ने साइबर सुरक्षा और मंगोलियाई सशस्त्र बलों की क्षमताओं में भारत के सहयोग के लिए विशेष धन्यवाद भी दिया।
उन्होंने मंगोलिया के तेल रिफाइनरी परियोजना का भी उल्लेख किया, जिसकी आधारशिला राजनाथ सिंह ने अपने गृहमंत्री कार्यकाल में रखी थी। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राजनाथ सिंह को इस परियोजना के उद्घाटन में शामिल होने का आमंत्रण भी दिया।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- भारत और मंगोलिया के राजनयिक संबंधों की स्थापना 1955 में हुई थी।
- मंगोलिया को भारत ने ‘आध्यात्मिक पड़ोसी’ की संज्ञा दी है क्योंकि दोनों देशों का बौद्ध धर्म से गहरा संबंध है।
- भारत मंगोलिया में पहला तेल रिफाइनरी प्रोजेक्ट विकसित कर रहा है।
- मंगोलिया एशिया का एकमात्र लोकतांत्रिक भूमि-आवृत्त राष्ट्र है जो चीन और रूस से घिरा है।