भारत-ब्रुनेई रक्षा सहयोग: संयुक्त कार्य समूह की पहली बैठक से द्विपक्षीय संबंधों को नई दिशा
भारत और ब्रुनेई ने रक्षा सहयोग के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए संयुक्त कार्य समूह (Joint Working Group – JWG) की पहली बैठक नई दिल्ली में आयोजित की। यह संवाद संरचित रक्षा सहयोग की दिशा में एक नया अध्याय है, जिसका उद्देश्य सैन्य सहयोग, समुद्री सुरक्षा और रक्षा प्रौद्योगिकी में साझेदारी को मजबूती देना है।
JWG की औपचारिक स्थापना
बैठक से पूर्व दोनों पक्षों ने Terms of Reference (ToR) पर हस्ताक्षर किए, जिससे संयुक्त कार्य समूह की औपचारिक स्थापना हुई। यह संस्थागत ढांचा वर्तमान पहलों की समीक्षा करने और भविष्य की दिशा तय करने हेतु बनाया गया है।
- यह मंच दोनों देशों के रक्षा संबंधों को नीति आधारित दिशा देने में सहायक होगा।
- यह समन्वय भारत की एक्ट ईस्ट नीति और इंडो-पैसिफिक रणनीति के अनुरूप है।
मुख्य चर्चा बिंदु: रक्षा सहयोग के क्षेत्र
बैठक में द्विपक्षीय रक्षा संवाद के निम्नलिखित प्रमुख क्षेत्रों पर विचार किया गया:
- सैन्य-से-सैन्य संपर्क को बढ़ाना
- संयुक्त प्रशिक्षण और अभ्यासों का विस्तार
- समुद्री सुरक्षा में सहयोग, विशेषकर सुरक्षित समुद्री मार्गों और आपदा राहत (HADR)
- क्षमता निर्माण (capacity building) और रक्षा उत्पादन में साझेदारी
ब्रुनेई और भारत दोनों ने अपने रक्षा उद्योगों के बीच सहयोग की संभावनाओं पर भी चर्चा की, जिससे स्वदेशी रक्षा उत्पादन को वैश्विक मंच मिल सके।
इंडो-पैसिफिक में सहयोग की प्रतिबद्धता
दोनों देशों ने शांतिपूर्ण और नियम-आधारित इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। यह बैठक भारत-ब्रुनेई रक्षा संबंधों में बढ़ते विश्वास और रणनीतिक तालमेल का संकेत है।
JWG के अंतर्गत विस्तृत रणनीतिक रोडमैप तैयार करने पर सहमति बनी है, जिससे आने वाले वर्षों में संबंध और गहरे होंगे।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- भारत और ब्रुनेई की JWG की पहली बैठक नई दिल्ली में हुई।
- बैठक से पूर्व ToR पर हस्ताक्षर कर JWG की औपचारिक स्थापना की गई।
- चर्चा में संयुक्त प्रशिक्षण, समुद्री सुरक्षा और आपदा राहत सहयोग शामिल रहा।
- JWG एक संस्थागत मंच के रूप में रक्षा पहलों की समीक्षा और विस्तार करेगा।
उच्चस्तरीय यात्रा और रक्षा उद्योग की भागीदारी
ब्रुनेई की उप स्थायी सचिव पोह कुई चून, जो JWG की सह-अध्यक्ष थीं, ने भारत के रक्षा सचिव से मुलाकात की और नव-निर्मित DPSU भवन का दौरा किया।
- यह भवन भारत के 16 रक्षा सार्वजनिक उपक्रमों (Defence PSUs) का केंद्रीकृत संचालन केंद्र है।
- उनके इस दौरे का उद्देश्य भारत की नवाचार क्षमता और रक्षा निर्माण तकनीक को वैश्विक साझेदारों के समक्ष प्रस्तुत करना था।
यह बैठक भारत-ब्रुनेई रक्षा संबंधों को संस्थागत मज़बूती और रणनीतिक दिशा प्रदान करने की दिशा में एक निर्णायक कदम है।