भारत-ब्राजील रक्षा सहयोग: स्कॉर्पीन पनडुब्बियों के रख-रखाव पर त्रिपक्षीय समझौता
भारत और ब्राज़ील के बीच समुद्री और रक्षा साझेदारी को नई दिशा देते हुए स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बियों के रख-रखाव को लेकर एक त्रिपक्षीय समझौता (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए हैं। यह समझौता दोनों देशों की नौसेनाओं और रक्षा उद्योगों के बीच गहराते सहयोग और रणनीतिक संवाद का संकेत है, जो समुद्री सुरक्षा और तकनीकी भागीदारी को मजबूती प्रदान करेगा।
त्रिपक्षीय समझौते और हस्ताक्षरकर्ता
यह समझौता भारतीय नौसेना, ब्राज़ीलियाई नौसेना और मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड के बीच हुआ है। इसका उद्देश्य स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बियों और अन्य नौसैनिक प्लेटफॉर्मों के रख-रखाव एवं जीवन-चक्र समर्थन से संबंधित जानकारियों का आदान-प्रदान करना है। यह समझौता तकनीकी सहयोग को संस्थागत रूप देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
नौसेना प्रमुख की ब्राज़ील यात्रा का संदर्भ
यह समझौता 9 से 12 दिसंबर 2025 के बीच ब्राज़ील दौरे पर गए भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी की आधिकारिक यात्रा के दौरान संपन्न हुआ। इस यात्रा का उद्देश्य भारत-ब्राज़ील समुद्री साझेदारी को और मजबूत करना और द्विपक्षीय रक्षा सहयोग की व्यापक समीक्षा करना था। एडमिरल त्रिपाठी ने ब्राज़ील की सैन्य और राजनीतिक नेतृत्व के साथ गहन चर्चाएं कीं।
समझौते के अंतर्गत सहयोग के प्रमुख क्षेत्र
भारतीय नौसेना के अनुसार, यह समझौता जीवन-चक्र समर्थन, लॉजिस्टिक्स, प्रशिक्षण, अनुभव साझा करने और रक्षा अनुसंधान एवं विकास जैसे क्षेत्रों में सहयोग को प्रोत्साहित करेगा। यह सिर्फ नौसेना से नौसेना के स्तर पर ही नहीं, बल्कि रक्षा उद्योगों के बीच भी व्यावसायिक सहयोग को एक नई ऊंचाई देगा। चूंकि दोनों देश स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बियों का संचालन करते हैं, इसलिए यह साझा अनुभव तकनीकी साझेदारी को मजबूत करेगा।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- यह MoU भारतीय नौसेना, ब्राज़ीलियाई नौसेना और मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड के बीच हुआ।
- यह स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बियों के रख-रखाव और तकनीकी सहयोग पर केंद्रित है।
- समझौते पर हस्ताक्षर दिसंबर 2025 में नौसेना प्रमुख की ब्राज़ील यात्रा के दौरान किए गए।
- सहयोग के प्रमुख क्षेत्र: जीवन-चक्र समर्थन, लॉजिस्टिक्स, प्रशिक्षण, और रक्षा अनुसंधान एवं विकास।
व्यापक रक्षा और समुद्री सहयोग
एडमिरल त्रिपाठी ने अपनी यात्रा के दौरान ब्राज़ील के रक्षा मंत्री, सशस्त्र बलों के संयुक्त स्टाफ प्रमुख और ब्राज़ीलियाई नौसेना के कमांडर एडमिरल मार्कोस सैंपायो ओल्सेन से मुलाकात की। इन बैठकों में समुद्री संचालन, प्रशिक्षण विनिमय, हाइड्रोग्राफिक सहयोग, समुद्री डोमेन जागरूकता और क्षमता निर्माण जैसे विषयों पर चर्चा हुई। उन्होंने ब्राज़ील की वरिष्ठ राजनीतिक नेतृत्व से भी भेंट की, जहां दक्षिण अटलांटिक और इंडो-पैसिफिक क्षेत्रों में रक्षा औद्योगिक सहयोग पर विशेष ध्यान दिया गया।
यह समझौता भारत और ब्राज़ील की साझा रणनीतिक दृष्टि और ग्लोबल साउथ के रूप में उभरते नेतृत्व को भी दर्शाता है, जो भविष्य में द्विपक्षीय और बहुपक्षीय रक्षा सहयोग को और अधिक सशक्त बना सकता है।