भारत-ब्राज़ील बायोफ्यूल गठबंधन: ऊर्जा सहयोग का नया दक्षिणी ध्रुव

हाल ही में भारत और अमेरिका के बीच व्यापार तनाव ने एक नई दिशा ले ली है, जब अमेरिका ने 1 अगस्त 2025 से सभी भारतीय वस्तुओं पर 25% सीमा शुल्क लागू कर दिया। इसके विपरीत, भारत, अमेरिका और ब्राज़ील के बीच ग्लोबल बायोफ्यूल एलायंस (GBA) में सहयोग एक साकारात्मक उदाहरण बना हुआ है, जहां सतत ऊर्जा की दिशा में साझेदारी की जा रही है। यह द्वैधता बताती है कि वैश्विक व्यापार की चुनौतियों के बीच भी ऊर्जा और पर्यावरणीय सहयोग के रास्ते खुले रह सकते हैं।

बायोफ्यूल: क्यों ज़रूरी है यह ऊर्जा स्रोत?

बायोफ्यूल जैविक पदार्थों से प्राप्त ईंधन होता है जो ग्रीनहाउस गैसों को कम करने, ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने, और जीवाश्म ईंधनों पर निर्भरता घटाने में अहम भूमिका निभाता है। भारत और ब्राज़ील जैसे विकासशील देशों के लिए यह न केवल ऊर्जा सुरक्षा का माध्यम है, बल्कि जलवायु परिवर्तन के विरुद्ध रणनीतिक हथियार भी है।

भारत-ब्राज़ील साझेदारी का महत्व

भारत और ब्राज़ील दोनों ही उच्च मिश्रण नीतियों (blending mandates) के साथ बायोफ्यूल क्षेत्र में अग्रणी बनने की कोशिश कर रहे हैं। भारत जहां 2025 तक पेट्रोल में 20% एथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य रखता है, वहीं ब्राज़ील में 2024 से ‘Fuels of the Future’ कानून लागू हो चुका है, जिसमें बायोडीज़ल मिश्रण को 2030 तक 20% तक बढ़ाने की योजना है।
यह साझेदारी एथेनॉल, बायोडीज़ल, और सतत विमानन ईंधन (SAF) के क्षेत्रों में तकनीकी सहयोग, संयुक्त अनुसंधान और अवसंरचना निवेश के माध्यम से गहराई पा रही है। ब्राज़ील की कंपनी पेट्रोब्रास और भारत की ONGC व भारत पेट्रोलियम जैसी कंपनियां मिलकर एक दूसरे के देशों में जैव ऊर्जा संयंत्रों में निवेश कर रही हैं।

ग्रामीण विकास और जलवायु कूटनीति का संगम

यह गठबंधन सिर्फ ऊर्जा का आदान-प्रदान नहीं है, बल्कि यह ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक सशक्तिकरण का भी माध्यम है। एथेनॉल के लिए गन्ना, धान का पुआल, और अन्य कृषि अवशेषों का उपयोग किसानों को अतिरिक्त आय देता है। वहीं, ब्राज़ील की गन्ना आधारित ऊर्जा संरचना भारत को दूसरी पीढ़ी के बायोफ्यूल निर्माण में मदद दे सकती है।
भारत और ब्राज़ील दोनों अफ्रीकी देशों जैसे अंगोला और नाइजीरिया के साथ भी जैव ईंधन कूटनीति का विस्तार कर रहे हैं, जिससे यह गठबंधन ग्लोबल साउथ के लिए ऊर्जा संक्रमण का मार्गदर्शक बनता जा रहा है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • ग्लोबल बायोफ्यूल एलायंस (GBA) की शुरुआत 2023 में भारत की G20 अध्यक्षता के दौरान हुई।
  • ब्राज़ील दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा बायोडीज़ल उत्पादक देश है।
  • भारत का लक्ष्य 2025 तक 20% एथेनॉल मिश्रण और 2030 तक 30% SAF उपयोग है।
  • पेट्रोब्रास ने 2025 तक जैव ईंधन परियोजनाओं में $600 मिलियन निवेश का वादा किया है।
  • भारत के राष्ट्रीय जैव ईंधन नीति (2018) के तहत खाद्य-अवशिष्ट से बायोफ्यूल उत्पादन को प्राथमिकता दी गई है।

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