भारत बना AIBD कार्यकारी बोर्ड का अध्यक्ष: वैश्विक प्रसारण में नेतृत्व की नई ऊंचाई

भारत ने एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल करते हुए एशिया-पैसिफिक इंस्टीट्यूट फॉर ब्रॉडकास्टिंग डेवलपमेंट (AIBD) के कार्यकारी बोर्ड के अध्यक्ष पद के लिए सर्वाधिक मतों के साथ चुनाव जीत लिया है। यह ऐतिहासिक निर्णय 19 से 21 अगस्त 2025 तक थाईलैंड के फुकेत में आयोजित AIBD की 23वीं जनरल कॉन्फ्रेंस के दौरान लिया गया। भारत ने 2016 के बाद एक बार फिर इस प्रमुख पद पर वापसी की है।

AIBD में भारत की भूमिका और नेतृत्व

AIBD की कार्यकारी परिषद का अध्यक्ष चुना जाना भारत की वैश्विक प्रसारण नेतृत्व की ताकत को रेखांकित करता है। इसके साथ ही, भारत इस समय AIBD जनरल कॉन्फ्रेंस का अध्यक्ष भी है — जिससे संगठन में भारत की दोहरी नेतृत्व भूमिका स्थापित हो गई है। प्रसार भारती के सीईओ श्री गौरव द्विवेदी, जो AIBD GC के अध्यक्ष भी हैं, ने सभी सदस्य देशों और संगठनों का विश्वास जताने के लिए धन्यवाद व्यक्त किया।
उन्होंने कहा, “हम पिछले पाँच दशकों से AIBD के साथ विभिन्न भूमिकाओं में कार्य कर रहे हैं और इस साझेदारी को भविष्य में और सशक्त करने हेतु प्रतिबद्ध हैं।”

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • AIBD की स्थापना 1977 में UNESCO के तत्वावधान में हुई थी। यह एशिया-पैसिफिक क्षेत्र का एकमात्र अंतर-सरकारी प्रसारण संगठन है।
  • AIBD के 92 सदस्य संगठन हैं, जो 45 देशों से हैं, जिनमें 26 सरकारी सदस्य और 44 संबद्ध सदस्य शामिल हैं।
  • भारत AIBD का स्थापक सदस्य है और प्रसार भारती भारत सरकार की ओर से इसका प्रतिनिधित्व करता है।
  • 23वीं AIBD जनरल कॉन्फ्रेंस 2025 थाईलैंड के फुकेत में आयोजित की गई थी, जिसका विषय था: “Media for People, Peace & Prosperity”।

अंतरराष्ट्रीय प्रसारण में भारत की बढ़ती भूमिका

AIBD की कार्यकारी परिषद के अध्यक्ष पद पर भारत का चुना जाना कई दृष्टियों से महत्वपूर्ण है:

  • भारत की वैश्विक मीडिया नेतृत्व क्षमता को बल मिलता है, विशेषकर जब वह AIBD के GC अध्यक्ष पद पर पहले से कार्यरत है।
  • यह भारत के लोक सेवा प्रसारण मॉडल (Prasar Bharati) पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय के विश्वास को दर्शाता है।
  • AIBD के माध्यम से भारत को वैश्विक प्रसारण नीतियों के निर्माण में अधिक प्रभावशाली भूमिका निभाने का अवसर मिलेगा।
  • इससे नीतिगत आदान-प्रदान, कंटेंट सहयोग और संसाधन साझाकरण जैसे क्षेत्रों में भारत की भागीदारी और नेतृत्व को प्रोत्साहन मिलेगा।

निष्कर्ष

भारत का AIBD में यह नेतृत्व परिवर्तन केवल एक संस्थागत सफलता नहीं है, बल्कि यह वैश्विक मीडिया परिदृश्य में भारत के बढ़ते कद का प्रमाण भी है। इस नई भूमिका के साथ भारत न केवल एशिया-पैसिफिक क्षेत्र में, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी प्रसारण विकास और सहयोग की दिशा में एक सशक्त मार्गदर्शक बनकर उभरेगा।

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